नई दिल्ली, 22 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मंगलवार को दूरसंचार (प्रसारण और केबल) सेवा शुल्क (तीसरा संशोधन) आदेश, 2022 और दूरसंचार (प्रसारण और केबल) सेवा इंटरकनेक्शन (चौथा संशोधन) विनियम, 2022 जारी किया।ट्राई ने वर्तमान संशोधनों में उन महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित किया है जो टैरिफ संशोधन आदेश 2020 को लागू करते समय उपभोक्ताओं को होने वाली असुविधा से बचने के लिए हितधारक समिति द्वारा सुझाए गए थे।
अधिकारियों ने कहा कि प्राधिकरण ने हितधारकों की टिप्पणियों का विश्लेषण किया और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए टैरिफ ऑर्डर 2017 और इंटरकनेक्शन विनियम 2017 में संशोधनों को अधिसूचित किया है।
संशोधनों की मुख्य विशेषताओं में टीवी चैनलों के एमआरपी पर फोरबियरेंस की निरंतरता शामिल है और केवल उन्हीं चैनलों को बुके का हिस्सा बनने की अनुमति दी जाएगी जिनकी एमआरपी 19 रुपये या उससे कम है। इसके अलावा, एक ब्रॉडकास्टर अपने पे चैनलों के बुके का मूल्य निर्धारण करते समय उस बुके में सभी पे चैनलों के एमआरपी के योग से अधिक 45 प्रतिशत की अधिकतम छूट की पेशकश कर सकता है। यह भी कहा गया है कि किसी पे चैनल के अधिकतम खुदरा मूल्य पर ब्रॉडकास्टर द्वारा प्रोत्साहन के रूप में दी जाने वाली छूट ला कार्टे के साथ-साथ बुके में उस चैनल की संयुक्त सदस्यता पर आधारित होगी।
सभी प्रसारक 16 दिसंबर तक नाम, प्रकृति, भाषा, चैनलों के एमआरपी प्रति माह और संरचना और चैनलों के बुके के एमआरपी में किसी भी बदलाव की सूचना प्राधिकरण को देंगे और साथ ही साथ अपनी वेबसाइटों पर ऐसी जानकारी प्रकाशित करेंगे। टेलीविजन चैनलों के सभी वितरक यह सुनिश्चित करेंगे कि 1 फरवरी, 2023 से ग्राहकों को सेवाएं उनके द्वारा चुने गए बुके या चैनलों के अनुसार प्रदान की जाएं।
--आईएएनएस
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