नादिया (पश्चिम बंगाल), 6 अगस्त (आईएएनएस)। बांग्लादेश से एक मानसिक रूप से विकलांग मरीज को उसके बेटे ने एम्बुलेंस में भारतीय सीमा तक पहुंचाया, जहां से मरीज को बीएसएफ की मदद से बेहतर इलाज के लिए बेंगलुरु ले जाया गया। राज्य और देश के लोगों ने बीएसएफ का यह मानवीय चेहरा देखा। मरीज के बेटे ने कहा कि बांग्लादेश में अशांत हालात में काफी परेशानी झेलने के बाद वे अपने पिता को लेकर भारत आए और बीएसएफ ने उनके साथ उनके पिता के इलाज के लिए मदद का हाथ बढ़ाया।
बता दें कि भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पूरी तरह से बंद है। दोनों देशों के बीच संचार के साधन के रूप में मैत्री एक्सप्रेस को निलंबित कर दिया गया है। व्यापार और चिकित्सा उपचार के लिए दोनों देशों के बीच यात्रा करने वाले हजारों लोग मुश्किल में हैं। ऐसी जटिल स्थिति में चिकित्सा पाने वाले और अन्य लोगों का सामान्य जीवन पूरी तरह से चरमरा गया है।
बांग्लादेश में जारी हिंसा की वजह से पश्चिम बंगाल के कूचबिहार के चंगराबांधा सीमा पर स्थिति मंगलवार को शांतिपूर्ण रहा, लेकिन, इमीग्रेशन चेकपोस्ट बंद होने के चलते बांग्लादेशी यात्री फंस गए।
मंगलवार सुबह भरे ट्रकों को खाली करने के बाद वापस सीमा पार बांग्लादेश भेज दिया गया। इसके अलावा बुरीमारी के इमीग्रेशन चेक पोस्ट बंद होने के कारण भारत आए यात्री अभी भी बांग्लादेश नहीं लौट पा रहे हैं। इस वजह से चंगराबांधा इमीग्रेशन चेक पोस्ट पर दो बांग्लादेशी नागरिक फंसे हुए हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मेखलीगंज पुलिस के सीआई अभिजीत सरकार और ओसी मणिभूषण सरकार मौके पर पहुंचे।
उधर, बांग्लादेश के बुरीमारी लैंड पोर्ट पर भी 207 भारतीय ट्रक के साथ फंसे हुए हैं। बांग्लादेश में हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता की वजह से दोनों देशों के बीच व्यापार और आवागमन प्रभावित हो रहा है।
बता दें कि प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद पड़ोसी देश बांग्लादेश में सबकुछ अभी भी वहां की सेना के हाथ में है।
--आईएएनएस
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