कीव, 23 अगस्त (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के निमंत्रण पर यूक्रेन पहुंचे। 1992 में द्विपक्षीय संबंधों की स्थापना के बाद से यह पहली बार है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन का दौरा कर रहा है।पोलैंड से रेल फोर्स वन पर 10 घंटे की ट्रेन यात्रा के बाद कीव पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का स्टेशन पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इसके बाद वे हयात होटल गए, जहां भारतीय प्रवासियों ने उनका उत्साहपूर्वक स्वागत किया।
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का मुख्य फोकस चल रहे रूस-यूक्रेन विवाद के शांतिपूर्ण समाधान पर चर्चा करना है। भारत को दोनों देशों के बीच मध्यस्थता में संभावित रूप से रचनात्मक भूमिका निभाने के रूप में देखा जा रहा है।
दिल्ली से रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, "मैं द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने और चल रहे यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर दृष्टिकोण साझा करने के लिए राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के साथ पहले की गई बातचीत को आगे बढ़ाने के अवसर की प्रतीक्षा कर रहा हूं।"
इससे ठीक छह हफ्ते पहले प्रधानमंत्री मोदी ने मॉस्को की यात्रा की थी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिले थे। इस पर पश्चिमी देशों ने आपत्ति जताई थी।
इससे पहले एक बयान में विदेश मंत्रालय ने इस बात पर प्रकाश डाला था कि कीव में प्रधानमंत्री व्यापार, आर्थिक निवेश, शिक्षा, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और मानवीय सहायता सहित द्विपक्षीय संबंध पर बातचीत करेंगे।
यूक्रेनी राष्ट्रपति के कार्यालय ने भी इस यात्रा के महत्व पर जोर दिया है। इस दौरान यूक्रेन और भारत के बीच कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले 14 जून को इटली के अपुलिया में 50वें जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की थी, जहां उन्होंने रूस के साथ युद्ध और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की थी। पीएम मोदी ने बातचीत और कूटनीति के माध्यम से शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।
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