नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। गाजा में हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों के रिश्तेदार और सरकार विरोधी कार्यकर्ता जनता से बंधक-युद्धविराम समझौते का समर्थन करने लिए अपनी साप्ताहिक रैली में शामिल होने की अपील कर रहे हैं। टाइम्स ऑफ इजरायल की शनिवार की रिपोर्ट के मुताबिक कुलानु हतुफिम (हम सभी बंधक हैं) ग्रुप ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'अब कोई बहाना नहीं!'
पोस्ट में कहा गया, "पिछले एक साल में, [प्रधानमंत्री बेंजामिन] नेतन्याहू ने अपने शासन को बढ़ाने के लिए दर्जनों बार समझौते को नाकाम कर दिया। बहुत से बंधकों की मौत हो गई, जबकि अन्य वर्तमान में गंभीर यातनाएं झेल रहे हैं और उनका जीवन खतरे में है।"
कुलानु हतुफिम ने हमास नेता याह्या सिनवार की हत्या का जिक्र करते हुए कहा, "अब जब सिनवार को खत्म कर दिया गया है, तो कोई बहाना नहीं है - अब समझौते का समय आ गया है!"
रैली शनिवार शाम 7 बजे तेल अवीव के बिगिन स्ट्रीट पर शुरू होगी, जबकि देश भर में छोटे-छोटे विरोध प्रदर्शन की भी योजना बनाई गई है।
वहीं होस्टेज एंड मिसिंग फैमिलीज फोरम अपनी साप्ताहिक रैली होस्टेज स्क्वायर के पास ही आयोजित करेगा।
होस्टेज स्क्वायर, तेल अवीव आर्ट म्यूजियम के सामने स्थित एक सार्वजनिक चौक है। 7 अक्टूबर 2023 को हमास के नेतृत्व में इजरायल पर हुए अटैक के बाद से, हमले के दौरान बंधक बनाए गए लोगों के परिवारों ने इस चौक पर डेरा डाल दिया है। यह इजरायल डिफेंस फोर्सेज के हेडक्वार्टर के निकट है। यह इजरायल-हमास युद्ध के दौरान बंधकों की रिहाई की मांग को लेकर रैलियों और विरोध प्रदर्शनों का स्थल रहा है।
बता दें 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमास के हमलों में करीब 1200 लोग मारे गए थे और 250 से अधिक लोगों को बंदी बना लिया गया था। इजरायल ने इस हमले का रणनीतिकार याह्या सिनवार को बताया था।
इजरायल ने गुरुवार (17 अक्टूबर) को हमास लीडर की मौत की आधिकारिक रूप से घोषणा की। इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) और शिन बेट सिक्योरिटी एजेंसी ने एक बयान में कहा, '7 अक्टूबर के हमले और नरसंहार का सूत्रधार सिनवार, बुधवार को दक्षिणी गाजा के राफा में गोलीबारी में मारा गया।'
7 अक्टूबर 2023 के हमले के बाद इजरायल ने हमास के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया और फिलिस्तीनी ग्रुप के कब्जे वाली गाजा पट्टी में सैनिक कार्रवाई शुरू कर दी।
अलजजीरा की 19 अक्टूबर की रिपोर्ट के मुताबिक 7 अक्टूबर 2023 से अब तक गाजा में इजरायली हमलों में कम से कम 42,500 लोग मारे गए हैं और 99,546 घायल हुए हैं।
--आईएएनएस
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