बीजिंग, 24 अगस्त (आईएएनएस)। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने जापानी सरकार द्वारा फुकुशिमा परमाणु दूषित पानी को समुद्र में छोड़े जाने पर बयान दिया। 24 अगस्त को, जापानी सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के कड़े संदेह और विरोध की अनदेखी करते हुए एकतरफा रूप से फुकुशिमा परमाणु दुर्घटना से दूषित पानी को समुद्र में छोड़ दिया। चीन इस पर कड़ा विरोध और कड़ी निंदा व्यक्त करता है। चीन ने जापान के सामने गंभीरता से ये मामला उठाया और जापान से इस गलत कार्रवाई को रोकने की मांग की।
जापान के फुकुशिमा परमाणु-दूषित पानी का निपटान सीमा पार निहितार्थों के साथ एक प्रमुख परमाणु सुरक्षा मुद्दा है और यह किसी भी तरह से केवल जापान के लिए निजी मामला नहीं है।
12 साल पहले हुई फुकुशिमा परमाणु दुर्घटना ने समुद्र में बड़ी मात्रा में रेडियोधर्मी पदार्थ छोड़ कर गंभीर आपदा पैदा कर दी थी। जापान को अपने स्वार्थ के लिए स्थानीय लोगों और यहां तक कि दुनिया के लोगों को द्वितीयक नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।
जापान सरकार ने समुद्र में पानी छोड़ने के फैसले की वैधता साबित नहीं की, परमाणु-दूषित जल शोधन उपकरण की दीर्घकालिक विश्वसनीयता साबित नहीं की, परमाणु-दूषित जल डेटा की प्रामाणिकता और सटीकता साबित नहीं की, निगरानी कार्यक्रम की सुदृढ़ता और प्रभावशीलता का प्रदर्शन नहीं किया, हितधारकों के साथ पूरी तरह से परामर्श नहीं किया है।
जापान ने जो किया है वह पूरी दुनिया के लिए जोखिम डालना है, मानव जाति की भावी पीढ़ियों को दर्द देना है और पारिस्थितिक पर्यावरण का विध्वंसक और वैश्विक महासागर का प्रदूषक बन गया है।
जापानी पक्ष ने परमाणु दूषित पानी को बहा दिया, अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा लंबे समय तक इसकी निंदा की जाएगी।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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