वाशिंगटन, 21 सितंबर (आईएएनएस)। संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत के साथ चल रहे राजनयिक विवाद में कनाडा के लिए अपना समर्थन दोगुना करते हुए बुधवार को कहा कि "हम कनाडा के चल रहे कानून प्रवर्तन प्रयासों का समर्थन करते हैं" और वह ओटावा के साथ "निकटता से" समन्वय और परामर्श कर रहा है।यह टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने मीडिया रिपोर्टों के जवाब में की थी, जिसमें कहा गया था कि अमेरिका ने भारत को अमेरिका में बनाए रखने के राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रयासों के कारण जी7 देशों से संयुक्त बयान के लिए कनाडा के आह्वान को खारिज कर दिया था। चीन के साथ किसी भी संघर्ष या टकराव के लिए तैयार है।
यह तब हुआ, जब एक दिन पहले रणनीतिक संचार के लिए एनएससी के प्रवक्ता ने सीएनएन के साथ एक साक्षात्कार में कनाडाई के लिए इसी तरह के समर्थन की पेशकश की थी।
एड्रिएन ने बुधवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "ये खबरें कि हमने इस पर कनाडा को किसी भी तरह से झिड़क दिया है, बिल्कुल झूठी है।"
उन्होंने कहा, "हम इस मुद्दे पर कनाडा के साथ समन्वय और परामर्श कर रहे हैं। यह एक गंभीर मामला है और हम कनाडा के चल रहे कानून प्रवर्तन प्रयासों का समर्थन करते हैं। हम भारत सरकार से भी बातचीत कर रहे हैं।"
इस विवाद पर अमेरिका का रुख धीरे-धीरे सख्त होता जा रहा है।
जिस दिन कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा की संसद में खालिस्तानी कार्यकर्ता की हत्या को भारत से जोड़ने वाला विस्फोटक आरोप लगाया था, उस दिन एड्रिएन वॉटसन ने कहा था : "हम प्रधानमंत्री ट्रूडो द्वारा संदर्भित आरोपों के बारे में गहराई से चिंतित हैं। हम नियमित संपर्क में रहते हैं। हमारे कनाडाई साझेदारों के साथ। यह महत्वपूर्ण है कि कनाडा की जांच आगे बढ़े और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए।"
--आईएएनएस
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