कोलंबो, 21 सितंबर (आईएएनएस)। श्रीलंका ने परमाणु हथियारों के निषेध पर संधि (टीपीएनडब्ल्यू) में शामिल होकर अपने दो परमाणु हथियार संपन्न पड़ोसियों भारत और पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश भेजा है। यह बाद द्वीपीय राष्ट्र के निरस्त्रीकरण मंच से जुड़े एक अधिकारी ने दिया।
परमाणु हथियारों को खत्म करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय अभियान (आईसीएएन) की स्थानीय शाखा, फोरम ऑन निरस्त्रीकरण और विकास (एफडीडी) के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह कदम न केवल श्रीलंका के लिए बल्कि पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
श्रीलंका में एफडीडी के समन्वयक विद्या अभयगुणवर्धने ने समझौते का स्वागत करते हुए कहा, "श्रीलंका दो परमाणु हथियार संपन्न देशों भारत और पाकिस्तान से घिरा है। टीपीएनडब्ल्यू में श्रीलंका का शामिल होना दोनों परमाणु हथियार संपन्न देशों भारत और पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश देेेता है।" यह अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के पक्ष में परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में "श्रीलंका की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
श्रीलंका ने व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी) के पहले हस्ताक्षरकर्ताओं में से एक था।
श्रीलंका के टीपीएनडब्ल्यू समूह में शामिल होने के साथ ही इस संधि पर हस्ताक्षर करने वालों की संख्या 93 हो गई।
श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी वार्षिक संयुक्त राष्ट्र नेता सप्ताह के दौरान न्यूयॉर्क में एक समारोह में ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए बहामास के विदेश मंत्री के साथ शामिल हुए।
गौरतलब है कि 2021 से लागू, टीपीएनडब्ल्यू व्यापक तरीके से परमाणु हथियारों को गैरकानूनी घोषित करने और उनके उन्मूलन व उनके उपयोग और परीक्षण के पीड़ितों की सहायता के लिए एक रूपरेखा स्थापित करने वाला पहला बहुपक्षीय समझौता है।
--आईएएनएस
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