टोरंटो, 21 सितंबर (आईएएनएस)। यह कहते हुए कि , भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने गुरुवार को आगाह किया कि कनाडा में रह रहे हिंदू 'आसान लक्ष्य' हैं। उन्होंने हाल ही में एक खालिस्तानी नेता के देश छोड़ने की धमकी पर शांत व सतर्क रहने का आग्रह किया।
भारत द्वारा घोषित खालिस्तानी आतंकवादी और गैरकानूनी सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भारत-कनाडाई हिंदुओं को देश छोड़ने की धमकी दी है। इससे समुदाय स्तब्ध और भयभीत है।
सांसद आर्य सांसद आर्य
गुरुवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक लंबी पोस्ट में लिखा, "मैंने कई हिंदू-कनाडाई लोगों से सुना है, जो इस लक्षित हमले के बाद भयभीत हैं। मैं हिंदू-कनाडाई लोगों से शांत, लेकिन सतर्क रहने का आग्रह करता हूं। कृपया स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों को हिंदूफोबिया की किसी भी घटना की रिपोर्ट करें।"
हिंदू सांसद ने कहा कि पन्नुन हिंदू-कनाडाई लोगों को प्रतिक्रिया देने और कनाडा में हिंदू और सिख समुदायों को विभाजित करने के लिए उकसाने की कोशिश कर रहा है, जो पारिवारिक रिश्तों और साझा सामाजिक और सांस्कृतिक संबंधों के माध्यम से जुड़े हुए हैं।
आर्य नेे कहा, "मैं स्पष्ट कर दूं। हमारे अधिकांश कनाडाई सिख भाई-बहन खालिस्तान आंदोलन का समर्थन नहीं करते हैं। अधिकांश सिख कनाडाई कई कारणों से सार्वजनिक रूप से खालिस्तान आंदोलन की निंदा नहीं कर सकते हैं, लेकिन वे हिंदू-कनाडाई समुदाय से जुड़े है।''
आर्य ने कहा, "कनाडा में उच्च नैतिक मूल्य हैं और हम पूरी तरह से कानून के शासन को कायम रखते हैं। मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर आतंकवाद का महिमामंडन या किसी धार्मिक समूह को निशाना बनाने वाले घृणा अपराध की अनुमति कैसे दी जा रही है।"
उन्होंने बताया कि अगर कोई श्वेत वर्चस्ववादी नस्लीय कनाडाई लोगों के किसी समूह पर हमला करता है और उन्हें हमारे देश से बाहर निकलने के लिए कहता है, तो कनाडा में आक्रोश फैल जाएगा। उन्होंने कहा, "लेकिन जाहिर तौर पर यह खालिस्तानी नेता इस घृणा अपराध से बच सकता है।"
इसके अलावा, आर्य ने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि हिंदू कनाडाई "लो प्रोफाइल रहते हैं, उन्हें आसान लक्ष्य माना जाता है", उन्होंने कहा कि समुदाय की सफलता को हिंदू विरोधी तत्व पचा नहीं पा रहे हैं।
अपने स्वयं के मामले का हवाला देते हुए, आर्य ने कहा कि कनाडाई संसद पर हिंदू धार्मिक पवित्र प्रतीक ओम् के साथ झंडा फहराने के लिए उन पर बार-बार हमला किया गया है।
हिंदू सांसद ने कहा, "अपने धर्मों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाले दो सुसंगठित समूह हिंदू-कनाडाई समुदाय के नेताओं, हिंदू संगठनों और यहां तक कि मुझ पर भी हमला कर रहे हैं। दस महीने से अधिक समय से, हमारी संसद पर हमारे हिंदू धार्मिक पवित्र प्रतीक ओम् के साथ एक झंडा फहराने के लिए मुझ पर हमला किया जा रहा है।“
--आईएएनएस
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