नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)। सीवोटर द्वारा पूरे देश में किए एक विशेष सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि अधिकांश उत्तरदाताओं की राय है कि कनाडा में भारतीय उच्चायोग और वाणिज्य दूतावासों में सेवारत राजनयिकों के खिलाफ सार्वजनिक धमकियां देने वाले खालिस्तानी चरमपंथियों पर लगाम लगाने या उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने में जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व वाली सरकार की कथित अनिच्छा के कारण कनाडा में भारतीय राजनयिकों की जान खतरे में है।सीवोटर सर्वेक्षण में 3,303 उत्तरदाताओं को शामिल किया गया था। कुल मिलाकर, लगभग 54 प्रतिशत उत्तरदाताओं की राय है कि देश में भारतीय राजनयिकों की जान को खतरा है, जबकि 26 प्रतिशत की राय है कि उनकी जान को कोई खतरा नहीं है।
सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) नामक प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन के प्रमुख खालिस्तानी चरमपंथी गुरपतवंत सिंह पन्नून ने हाल ही में कनाडा में न केवल भारतीय राजनयिकों, बल्कि वहां रहने वाले हिंदू समुदाय के सदस्यों को भी धमकी दी थी।
कट्टरपंथी खालिस्तानी लगातार कनाडा के अलग-अलग शहरों में वरिष्ठ राजनयिकों के चेहरे वाले पोस्टर लगाकर उनके खिलाफ सार्वजनिक धमकियां दे रहे हैं।
हिंदू पूजा स्थलों को बार-बार ऐसे कृत्यों में विरूपित किया गया है जो स्पष्ट रूप से घृणा अपराध हैं। भारत सरकार द्वारा व्यक्त किए गए गंभीर उकसावे और चिंताओं के बावजूद, जस्टिन ट्रूडो शासन ने कट्टरपंथी खालिस्तानियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।
भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंध, जो कुछ वर्षों से तनावपूर्ण रहे हैं, पिछले कुछ दिनों में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के देश की संसद के भीतर एक सनसनीखेज बयान देने के बाद एक नए निचले स्तर पर आ गए हैं।
पीएम ट्रूडो ने कहा कि कनाडा के अंदर भारतीय एजेंसियों के वांछित खालिस्तानी समर्थक हरजीत सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसियों के शामिल होने के संभावित संबंधों के बारे में विश्वसनीय आरोप हैं।
निज्जर की 18 जून को एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसे गैंगलैंड हत्या बताया जा रहा है। कनाडा के विदेश मंत्री ने घोषणा की कि एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को निष्कासित किया जा रहा है। भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पीएम ट्रूडो के आरोपों को बेतुका बताते हुए एक कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया।
दोनों देशों द्वारा यात्रा सलाह जारी की गई है और कनाडा में भारतीय मिशन ने अगली सूचना तक कनाडाई नागरिकों को वीजा जारी करना निलंबित कर दिया है। खालिस्तानी उग्रवाद कई वर्षों से कनाडा और भारत के बीच मतभेद का एक गंभीर मुद्दा रहा है।
--आईएएनएस
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