मॉस्को, 27 सितंबर (आईएएनएस)। रूसी रक्षा मंत्रालय ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें काला सागर बेड़े के एक कमांडर को देखा जा सकता है। यूक्रेन ने दावा किया था वह मारा गया है।सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी किए गए वीडियो में एडमिरल विक्टर सोकोलोव जैसा दिखने वाला एक व्यक्ति वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और अन्य रूसी सैन्य नेताओं के साथ बैठक में शामिल होता दिख रहा है।
यह स्पष्ट नहीं है कि बैठक कब हुई या सोकोलोव की वीडियो कहां फिल्माई गई। उनकी वर्दी पर नेमटेप पर सोकोलोव वी.एन. लिखा है और उनकी स्क्रीन पर सिरिलिक अक्षर से काला सागर बेड़े का संक्षिप्त नाम दिख रहा है।
मंगलवार को भी क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने यूक्रेनी दावे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि सोकोलोव मारा गया था।
सीएनएन ने पेसकोव को संवाददाताओं से यह कहते हुए उद्धृत किया, ''रक्षा मंत्रालय की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है। यह पूरी तरह से उनके अधिकार क्षेत्र में है और हमें यहां कुछ नहीं कहना है।''
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में, यूक्रेनी स्पेशल ऑपरेशंस फोर्सेज ने दावा किया था कि मिसाइल हमले में सोकोलोव और 33 अन्य अधिकारी मारे गए थे।
हालांकि, फोर्सेस ने सीधे तौर पर एडमिरल का नाम नहीं लिया, न ही उन्होंने कोई सबूत दिया कि उनकी मृत्यु हो गई है।
रूसी मंत्रालय का वीडियो प्रकाशित होने के बाद, यूक्रेनी पक्ष अपने दावे से पीछे हटता नजर आया और कहा कि वे अभी रिपोर्टों की जांच कर रहे हैं।
बीबीसी ने फोर्सेज के एक बयान के हवाले से कहा, "रूसी संघ के काला सागर बेड़े के मुख्यालय पर मिसाइल हमले में 34 अधिकारी मारे गए।"
"शरीर के अंगों की हालत के कारण कई (शवों) की अभी भी पहचान नहीं हो पाई है।"
मंगलवार को सीएनएन से बात करते हुए, यूक्रेन के नए रक्षा मंत्री रुस्तम उमेरोव ने न तो पुष्टि की और न ही इस बात से इनकार किया कि सोकोलोव हमले में मारा गया।
राज्य मीडिया के अनुसार, रूस ने अगस्त 2022 में अपने क्रीमिया स्थित काला सागर बेड़े के लिए सोकोलोव को अपना नया कमांडर नियुक्त किया था।
सोकोलोव 2020 से नौसेना अकादमी प्रमुख के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने 2013 से 2020 तक उत्तरी बेड़े के डिप्टी कमांडर के रूप में कार्य किया।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, काला सागर बेड़ा इस क्षेत्र में रूस की सदियों पुरानी सैन्य उपस्थिति का एक प्रमुख प्रतीक है।
2014 में रूस द्वारा प्रायद्वीप पर अवैध रूप से कब्जा करने से पहले ही यह एक लीजिंग सौदे के तहत क्रीमिया में स्थित था।
--आईएएनएस
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