काठमांडू, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। नेपाल सरकार ने इजरायल में 10 नेपाली नागरिकों की हत्या के बाद मंगलवार को राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है।प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने एक्स पर लिखा कि मंत्रिपरिषद की एक विशेष बैठक ने जानमाल के नुकसान पर शोक व्यक्त करने के लिए 23 अशोज (मंगलवार) को राष्ट्रीय शोक की घोषणा की।
कम से कम 10 नेपाली छात्र, जो "सीखो और कमाओ" योजना के तहत इज़राइल में थे, शनिवार को इज़राइल के खिलाफ हमास के हमले के दौरान मारे गए। छात्र इजराइल में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे थे।
नेपाल सरकार की प्रवक्ता रेखा शर्मा ने कहा कि पूरा देश सदमे में है और सरकार ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने का फैसला किया है।
सरकार ने इजरायली अधिकारियों के साथ समन्वय में शवों को वापस लाने का भी फैसला किया है। नेपाली नागरिकों से कहा गया है कि अगर वे युद्धग्रस्त देश से वापस लौटना चाहते हैं तो वे तेल अवीव में नेपाली दूतावास में अपना नाम दर्ज कराएं।
शर्मा ने कहा कि नेपाल एयरलाइंस और हिमालय एयरलाइंस के सहयोग से सरकार उन नेपाली नागरिकों को वापस लाएगी जो वापस लौटना चाहते हैं।
अनुमान है कि 4,600 से अधिक नेपाली नागरिक इज़राइल में रह रहे हैं और काम कर रहे हैं। मंगलवार को ही इजरायली सेना ने कम से कम 32 नेपालियों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
कैबिनेट ने इजराइल सरकार के साथ समन्वय करके शवों को जल्द से जल्द वापस लाने का भी निर्णय लिया है।
इससे पहले, प्रधानमंत्री दहल ने सदन में प्रतिनिधित्व करने वाले सभी राजनीतिक दलों की एक बैठक भी बुलाई थी, जहां नेताओं ने उनसे नेपाली नागरिकों को जल्द से जल्द इजरायल से वापस लाने और सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की व्यवस्था करने का आग्रह किया था।
इजराइल में नेपाली दूतावास ने कहा कि वह इजराइली अधिकारियों के साथ समन्वय में शवों को वापस लाने की तैयारी कर रहा है।
इसमें कहा गया कि चार नेपाली स्थानीय अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। इनमें दो को बचा लिया गया है और एक नागरिक लापता हो गया है।
नेपाल वापस लौटने के लिए लगभग 200 नेपाली नागरिकों ने दूतावास में अपना नाम दर्ज कराया है।
--आईएएनएस
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