नई दिल्ली, 14 जून (आईएएनएस)। मुस्लिम समुदाय के लोग बकरीद का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। इसे ईद-उल-अजहा भी कहते हैं। रमजान के 65 से 70 दिन बाद बकरीद मनाई जाती है। इस साल बकरीद सोमवार को यानी 18 जून को मनाई जाएगी।बकरीद के दिन बकरों की कुर्बानी दी जाती है। इस्लाम में इसे बलिदान का प्रतीक माना जाता है। बकरीद को लेकर तैयारियां जोरों शोरों से शुरू हो गई हैं। देश भर में बकरों का बाजार सज गया है। कुर्बानी देने के लिए लोग बकरे की खरीदारी करते नजर आ रहे हैं। बाजार में बीस हजार रुपये से लेकर ढाई लाख रुपये तक के बकरे उपलब्ध हैं।
दिल्ली के जामा मस्जिद स्थित मीना बाजार के सामने बकरों का सबसे बड़ा बाजार सज गया है। इस मार्केट में लोग बकरों की खरीदारी करने पहुंच रहे हैं। लेकिन भीषण गर्मी के चलते व्यापारियों के लिए बकरों की देखभाल करना मुश्किल हो गया है। देश के कोने-कोने से व्यापारी भी यहां अपने बकरों को लेकर आते हुए नजर आ रहे हैं। बाजार में कई ऐसे बकरें भी आए हैं जो काफी महंगे हैं। इन बकरों की कीमत बीस हजार से लेकर ढाई लाख रुपये तक है।
बकरीद को लेकर कहा जाता है कि अल्लाह ने पैगंबर हजरत इब्राहिम को अपनी सबसे प्यारी चीज कुर्बान करने के लिए कहा था। पैगंबर हजरत इब्राहिम को सबसे ज्यादा प्यार अपने बेटे इस्माइल से था और उन्होंने अल्लाह के लिए इस्माइल की कुर्बानी देने का फैसला किया। कुर्बानी के वक्त वह उस मंजर को देख नहीं पाते इसलिए उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांधी और कुर्बानी दे दी।
अपने बेटे की कुर्बानी देने के बाद उन्होंने जब अपनी आंखों से पट्टी हटाई तो देखा की उनका बेटा इस्माइल सही सलामत है और उसकी जगह एक बकरा कुर्बान हो गया, इसी के बाद से ही बकरे की कुर्बानी दी जाने लगी।
--आईएएनएस
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