ब्यूनस आयर्स (आई-ग्रेन इंडिया)। दक्षिण अमरीका महाद्वीप में अवस्थित अर्जेन्टीना वैसे तो संसार में सोयाबीन का तीसरा सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश माना जाता है और सोया तेल तथा सोयामील के निर्यात में प्रथम स्थान पर रहता है लेकिन चालू वर्ष के दौरान वहां भयंकर सूखा पड़ने से वर्षा पर आश्रित अधिकांश फसल के बर्बाद होने से इस महत्वपूर्ण तिलहन का उत्पादन लुढ़ककर पिछले अनेक वर्षों के निचले स्तर पर सिमट जाने की संभावना है।
वहां सोयाबीन का दाम भी ऊंचा एवं तेज चल रहा है जबकि फसल कटाई का सीजन होने के बावजूद क्रशिंग-प्रोसेसिंग इकाइयों को पर्याप्त मात्रा में कच्चा माल नहीं मिल रहा है। उत्पादन में भारी गिरावट आने की आशंका को देखते हुए किसानों ने स्टॉक पकड़ना शुरू कर दिया है।
दूसरी ओर मिलर्स को अपना प्लांट चलाना है इसलिए वे पड़ोसी देशों से भारी मात्रा में सोयाबीन का आयात कर रहे हैं जिसमें ब्राजील भी शामिल है जो दुनिया में इस महत्वपूर्ण तिलहन का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश है और जहां इस बार सोयाबीन का उत्पादन तेजी से उछलकर सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान है।
समझा जाता है कि चालू वर्ष के दौरान ब्राजील से अर्जेन्टीना को मई के प्रथम सप्ताह तक करीब 8 लाख टन सोयाबीन का निर्यात हो जाएगा। यह अब तक इस अवधि की सबसे बड़ी मात्रा है। अर्जेन्टीना के मिलर्स आगामी समय की डिलीवरी के लिए भी ब्राजील से सोयाबीन का आयात अनुबंध कर रहे हैं। इसके अलावा दो अन्य पड़ोसी देशों- उरुग्वे एवं पराग्वे से भी अर्जेन्टीना में सोयाबीन मंगाने का प्रयास जारी है।
जानकारों का कहना है कि ब्राजील से अर्जेन्टीना को सोयाबीन के निर्यात का जो आंकड़ा सामने आया है वह केवल समुद्री मार्ग से हुए शिपमेंट का है। इसके अलावा वहां से नदी मार्ग एवं सड़क मार्ग से भी अर्जेन्टीना को सोयाबीन भेजा जा रहा है। मोटे अनुमान के अनुसार अर्जेन्टीना में इस वर्ष सोयाबीन का कुल आयात बढ़कर 75-80 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकता है जबकि कुछ विश्लेषक 90-100 लाख टन तक के आयात की संभावना व्यक्त कर रहे हैं।