लखनऊ (आई-ग्रेन इंडिया)। देश के शीर्ष खाद्यान्न उत्पादक राज्य- उत्तर प्रदेश में चालू रबी मार्केटिंग सीजन के किसानों से 2125 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कुल 60 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य नियत किया गया है जिसकी कुल कीमत 12,750 करोड़ रुपए बैठने का अनुमान है।
भारतीय खाद्य निगम एवं राज्य सरकार द्वारा इस बार उत्तर प्रदेश में गेहूं खरीदने के लिए 6000 क्रय केन्द्र खोले गए हैं। गेहूं की अधिकांश खरीद प्रांतीय एजेंसियों द्वारा की जाएगी। उल्लेखनीय है कि पिछले साल भी उत्तर प्रदेश में 60 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया था लेकिन इसकी वास्तविक खरीद 4 लाख टन तक भी नहीं पहुंच पाई थी।
वस्तुत: गत वर्ष सभी राज्यों में गेहूं की खरीद नियत लक्ष्य से काफी कम हुई थी। इसका कारण उत्पादन में कमी आना तथा खुला बाजार (थोक मंडी) भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी ऊंचा रहना था।
इस बार स्थिति काफी भिन्न है। गेहूं तथा इसके उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है इसलिए बाजार भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य के आसपास घूम रहा है जबकि हल्की क्वालिटी के गेहूं का दाम समर्थन मूल्य से नीचे चल रहा है।
अब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी गेहूं की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति सामान्य तथा कीमत एक निश्चित सीमा में स्थिर हो गई है। घरेलू प्रभाग में फ्लोर मिलर्स तथा व्यापारी भी किसानों से अधिक ऊंचे मूल्य पर गेहूं की खरीद नहीं कर रहे हैं इसलिए सरकार को खरीद बढ़ाने का अच्छा अवसर मिल सकता है। राष्ट्रीय स्तर पर 2021 के 433.43 लाख टन की तुलना में गेहूं की सरकारी खरीद 2022 में 56 प्रतिशत घटकर 187.92 लाख टन पर सिमट गई थी जबकि इस बार अब तक 160 लाख टन से अधिक गेहूं खरीदा जा चुका है और इसकी प्रक्रिया कमोबेश जून तक जारी रहने की संभावना है।
उत्तर प्रदेश, राजस्थान एवं बिहार जैसे राज्यों में गेहूं की खरीद लम्बे समय तक चलती है जबकि पंजाब, हरियाणा एवं मध्य प्रदेश में मई में समाप्त हो जाती है। उत्तर प्रदेश में 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद औपचारिक तौर पर आरंभ हुई जो 15 जून तक जारी रहेगी।