नई दिल्ली (आई-ग्रेन इंडिया)। पिछले साल की तुलना में अखिल भारतीय स्तर पर चालू वर्ष के दौरान विस्तारित रबी सीजन (ग्रीष्मकालीन या जायद सीजन) में एक तरफ दलहनों एवं मोटे अनाजों के उत्पादन क्षेत्र में बढ़ोत्तरी हुई है तो दूसरी ओर धान एवं तिलहन फसलों का क्षेत्रफल घट गया है।
पिछले सीजन के मुकाबले इस बार कुल बिजाई क्षेत्र कुछ पीछे चल रहा है।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि जायद फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र इस बार अब तक 65.29 लाख हेक्टेयर पर ही पहुंच सका जो गत वर्ष की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 66.02 लाख हेक्टेयर से कुछ कम है।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान देश में दलहन फसलों का उत्पादन क्षेत्र 16.23 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 17.57 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा। इसके मूंग का बिजाई क्षेत्र तो 12.83 लाख हेक्टेयर से उछलकर 14. 27 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा लेकिन उड़द का रकबा 3.12 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 3.08 लाख हेक्टेयर रह गया।
जहां तक मोटे अनाओं का सवाल है तो इसका कुल उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 10.19 लाख हेक्टेयर से सुधरकर इस बार 10.86 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। इसके तहत मक्का का बिजाई क्षेत्र 6.27 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 6.30 लाख हेक्टेयर एवं बाजरा का क्षेत्रफल 3.59 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 4.29 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
लेकिन तिलहन फसलों का रकबा पिछले साल के 10.46 लाख हेक्टेयर से घटकर इस बार 9.40 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया। इसके तहत यद्यपि तिल का बिजाई क्षेत्र 4.26 लाख हेक्टेयर से कुछ सुधरकर 4.36 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा मगर मूंगफली का उत्पादन क्षेत्र 5.27 लाख हेक्टेयर से गिरकर 4.50 लाख हेक्टेयर रह गया।
मौसम विभाग के अनुसार चालू वर्ष के दौरान 1 मार्च से 1 मई के बीच मानसून पूर्व की बारिश कुल मिलाकर 8 प्रतिशत अधिक हुई। दक्षिण भारत के प्रायद्वीप क्षेत्र में 32 प्रतिशत ज्यादा वर्षा दर्ज की गई जबकि मध्यवर्ती राज्यों में 167 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। दूसरी ओर पूर्वी एवं पूर्वोत्तर भारत में 24 प्रतिशत तथा पश्चिमोत्तर प्रांतों में 2 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई।