नई दिल्ली (आई-ग्रेन इंडिया)। केन्द्र सरकार ने घरेलू प्रभाग में गेहूं, आटा एवं अन्य गेहूं उत्पादों की कीमतों में होने वाली किसी भी बढ़ोत्तरी को नियंत्रित करने के उद्देश्य से खुले बाजार में अपने स्टॉक से प्रत्येक तिमाही के दौरान गेहूं की बिक्री आरंभ करने का निर्णय लिया है।
इसकी शुरुआत जुलाई 2023 से होने की संभावना है। फिलहाल भारतीय खाद्य निगम द्वारा वर्ष की अंतिम तिमाही यानी जनवरी-मार्च के दौरान ही अपने स्टॉक से थोड़ी मात्रा में गेहूं की बिक्री की गई थी क्योंकि उस समय घरेलू बाजार में इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता काफी घटने से कीमत उछलकर नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी। केन्द्रीय पूल में स्टॉक कम होने के बावजूद सरकार को बाजार में गेहूं उतारना पड़ा था।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार निकट भविष्य में गेहूं के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को वापस लिए जाने की संभावना नहीं है। दूसरी और खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं की पहली खेप की बिक्री का आफर जुलाई से पूर्व दिया जा सकता है।
आमतौर पर जून के अंत तक गेहूं की सरकारी खरीद समाप्त हो जाती है और उसके बाद किसानों के पास ऐसा स्टॉक बच जाता है जिसे वे सरकारी एजेंसियों को नहीं बेचना चाहते हैं। यदि प्रत्येक तिमाही के दौरान सरकारी गेहूं का स्टॉक खुले बाजार में उतरता रहा तो इसकी आपूर्ति-उपलब्धता की स्थिति बेहतर बनी रहेगी और कीमतों में भारी तेजी की संभावना क्षीण पड़ जाएगी। लेकिन इसके लिए केन्द्रीय पूल में गेहूं का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध होना आवश्यक है।
समझा जाता है कि चालू वर्ष के दौरान कुछ महत्वपूर्ण राज्यों में विधानसभा का तथा अगले वर्ष लोकसभा का चुनाव होने वाला है इसलिए सरकार गेहूं तथा इसके मूल्य संवर्धित उत्पादों की कीमतों पर अंकुश लगाने का हर संभव प्रयास करेगी।
पिछले साल गेहूं के दाम में रिकॉर्ड तोड़ इजाफा होने से आम उपभोक्ताओं को भारी कठिनाई हुई थी। सरकारी आंकलन के अनुसार इस बार व्यापारियों- स्टाकिस्टों द्वारा किसानों से भारी मात्रा में गेहूं की खरीद करके उसका स्टॉक रखा गया है। वे मई के बाद ऊंचे दाम पर इसकी बिक्री का प्रयास कर सकते हैं क्योंकि तब मंडियों में किसानी माल की आपूर्ति काफी घट जाएगी।