न्यूयार्क (आई-ग्रेन इंडिया)। इंटरनेशनल शुगर ऑर्गेनाइजेशन (आईएसओ) ने 2022-23 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान विश्व स्तर पर मांग एवं खपत की तुलना में चीनी का अधिशेष उत्पादन केवल 8.50 लाख टन होने का अनुमान लगाया है जबकि इससे पूर्व फरवरी 2023 में उसने जो तिमाही रिपोर्ट जारी की थी उसमें 41.50 लाख टन के अधिशेष उत्पादन की संभावना व्यक्त की थी।
चीनी के अधिशेष उत्पादन अनुमान में की गई इस भारी कटाई का मुख्य कारण यूरोप, चीन, थाईलैंड एवं भारत में उत्पादन में आने वाली भारी गिरावट है।
फरवरी के मुकाबले मई की रिपोर्ट में इन सभी उत्पादक क्षेत्रों में चीनी का उत्पादन कम होने की संभावना व्यक्त की गई है। इन क्षेत्रों में उत्पादन घटने की सूचना मिलने से हाल ही में चीनी का बेंचमार्क वैश्विक बाजार भाव उछलकर गत 11 वर्षों के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया था।
आईएसओ ने चीनी का वैश्विक उत्पादन अनुमान फरवरी के 1804.30 लाख टन से घटाकर 1773.60 लाख टन निर्धारित किया है जबकि इसकी खपत का अनुमान 2.33 लाख टन बढ़ाकर 1765.10 लाख टन नियत किया है।
इस तरह खपत के मुकाबले चीनी का उत्पादन अब केवल 8.50 लाख टन बढ़ने की उम्मीद है।
हालांकि आईएसओ ने 2023-24 सीजन के लिए चीनी के वैश्विक उत्पादन एवं उपयोग के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक अनुमान जारी नहीं किया है लेकिन उसके कार्यकारी निदेशक ने कहा है कि कुल उत्पादन करीब 20 लाख टन अधिक होगा और चीनी के वैश्विक उपयोग में भी 1.2 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। दिलचस्प तथ्य यह है कि अधिकांश विश्लेषकों का मानना है कि अगले सीजन में खपत के मुकाबले चीनी का वैश्विक उत्पादन कम होगा मगर आईएसओ के कार्यकारी निदेशक ने उत्पादन 20 लाख टन अधिक होने का अनुमान लगाया है।
आईएसओ के मुताबिक चीनी का वैश्विक उत्पादन 2021-22 के 1725.03 लाख टन से 48.62 लाख टन बढ़कर 2022-23 के सीजन में 1773.65 लाख टन पर पहुंचने की उम्मीद है जबकि इसकी वैश्विक खपत 1747.73 लाख टन से 17.40 लाख टन या 1.00 प्रतिशत सुधरकर 1765.13 लाख टन पर पहुंच जाने के आसार हैं।