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खाद्य निगम द्वारा इस बार खुले बाजार में अधिक मात्रा में गेहूं उतारने की संभावना 

प्रकाशित 08/06/2023, 02:41 pm
अपडेटेड 09/07/2023, 04:02 pm

नई दिल्ली। पिछले साल केन्द्रीय पूल के लिए 188 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी जो चालू वर्ष में बढ़कर 262 लाख टन पर पहुंच गई। 1 अप्रैल 2023 को नया रबी मार्केटिंग सीजन आरंभ होने के समय खाद्य निगम के पास 83.45 लाख टन गेहूं का पिछला स्टॉक मौजूद था। गेहूं के घरेलू बाजार भाव में तेजी-मजबूती का माहौल बरकरार है जिसे देखते हुए सरकार द्वारा खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत चालू वित्त वर्ष के दौरान गेहूं की अधिक मात्रा उतारे जाने की संभावना है।

हालांकि आमतौर पर इस योजना के तहत जनवरी-मार्च की अवधि में गेहूं खुले बाजार में उतारा जाता जब इसकी आपूर्ति का ऑफ या लीन समय रहता है लेकिन इस बार इसकी अवधि लम्बी रहने की उम्मीद है। सरकार ने संकेत दिया है कि गेहूं की बिक्री अगले माह (जुलाई) से आरंभ की जा सकती है और यदि कीमतों में नरमी नहीं आई तो अगले कई महीनों तक बिक्री की प्रक्रिया जारी रह सकती है।

गेहूं में खुदरा महंगाई की दर मार्च के 19.91 प्रतिशत से घटकर अप्रैल में 15.46 प्रतिशत रह गई। फिर भी इसे काफी ऊंचा माना जा सकता है। सरकार फ्लोर मिलर्स जैसे बल्क खरीदारों को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के सभी 700 से अधिक डिपो से गेहूं उपलब्ध करवाने की योजना बना रही है। मोटे अनुमान के अनुसार सरकारी गेहूं की बिक्री 2350 रुपए प्रति क्विंटल की दर से की जा सकती है जिसमें 2125 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ अन्य खर्च भी शामिल है।

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आधिकारिक सूत्रों के अनुसार साप्ताहिक ई-नीलामी के दौरान फ्लोर मिलर्स सहित अन्य छोटे-छोटे बल्क खरीदारों को छोटी या कम मात्रा में गेहूं उपलब्ध करवाया जा सकता है।

इसके तहत प्रत्येक क्षेत्र में प्रति सप्ताह हरेक खरीदारों के लिए 100 टन तक गेहूं खरीद की मात्रा निश्चित की जा सकती है ताकि इसके उपभोक्ता मूल्य में तेजी से गिरावट आ सके। शीघ्र ही खाद्य मंत्रालय की तरफ से इस योजना को मंजूरी मिलने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि इस बार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून तथा अन्य मदों की जरूरतों को पूरा करने के बाद करीब 87 लाख टन गेहूं का अधिशेष स्टॉक एफसीआई के पास बचेगा जिसका उपयोग घरेलू बाजार में आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों को नियंत्रित करने में किया जा सकता है।

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