नई दिल्ली। रबी मार्केटिंग सीजन में गेहूं की अच्छी खरीद होने से केन्द्रीय पूल में खाद्यान्न का कुल स्टॉक सुधरकर 1 जून 2023 को 576.11 लाख टन पर पहुंच गया जो 1 मई को उपलब्ध स्टॉक 555.34 लाख टन से 20.77 लाख टन ज्यादा मगर 1 जून 2022 को मौजूद स्टॉक 642.62 लाख टन से 66.51 लाख टन कम था।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 1 मई की तुलना में 1 जून 2023 को केन्द्रीय पूल में चावल क स्टॉक 265.06 लाख टन से 2.83 लाख टन घटकर 262.23 लाख टन रह गया जबकि गेहूं का स्टॉक 290.28 लाख टन से 23.60 लाख टन बढ़कर 313.88 लाख टन पर पहुंच गया।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के स्वामित्व में धान का स्टॉक 226.94 लाख टन से 9 हजार टन फिसलकर 226.85 लाख टन तथा मोटे अनाजों का स्टॉक 4.89 लाख टन से 53 हजार टन गिरकर 4.36 लाख टन पर आ गया। इससे पूर्व 1 जून 2022 को केन्द्रीय पूल में 331.20 लाख टन चावल तथा 311.42 लाख टन गेहूं के साथ 642.62 लाख टन खाद्यान्न और 247.10 लाख टन धान तथा 2.71 लाख टन मोटे अनाजों का स्टॉक मौजूद था।
गेहूं की सरकारी खरीद लगभग बंद हो चुकी है इसलिए आगे इसके स्टॉक में नियमित रूप से गिरावट आती रहेगी। इसका अगला नया माल अब वर्ष 2024 के अप्रैल महीने में आना शुरू होगा जो अभी 10 माह दूर है। यह सही है कि गेहूं की सरकारी खरीद 2022 के 188 लाख टन से बढ़कर 2023 में 262 लाख टन पर पहुंची मगर 341.50 लाख टन के नियत लक्ष्य से काफी पीछे रही।
जहां तक धान-चावल की बात है तो खरीफकालीन धान की खरीद पहले ही बंद हो चुकी है और राइस मिलर्स को कस्टम मिलिंग के लिए इसका स्टॉक भी आवंटित हो चुका है।
मिलर्स सरकारी एजेंसियों को चावल की नियमित आपूर्ति कर रहे हैं। इस बीच रबी कालीन धान की खरीद अभी जारी है। इसका स्टॉक भी राइस मिलर्स को आवंटित किया जा रहा है। इसे देखते हुए आगामी महीनों में चावल का स्टॉक बढ़ने की उम्मीद है। विभिन्न सरकारी (कल्याणकारी) योजनाओं में आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए गेहूं तथा चावल की मासिक निकासी भी हो रही है।