iGrain India - नई दिल्ली । यद्यपि काबुली चना की बिजाई का सीजन आरंभ हो गया है और महाराष्ट्र तथा मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में इसका रकबा बढ़ने के आसार हैं लेकिन आंध्र प्रदेश- कर्नाटक में अक्टूबर तक काफी कम बारिश होने से इसकी बिजाई प्रभावित होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। दिलचस्प तथ्य यह है कि मौसम विभाग द्वारा नवम्बर के प्रथम सप्ताह में उत्तर-पूर्व मानसून की सक्रियता बढ़ने से दक्षिणी राज्यों में अच्छी बारिश होने की भविष्य कमी किए जाने के बाद वहां किसानों ने ऊंचे बाजार भाव को देखते हुए जोखिम उठाकर इसकी बिजाई का प्रयास किया।
उम्मीद की जा रही है कि मौसम एवं बारिश की हालत आगामी महीनों में फसल के लिए अनुकूल बनी रहेगी। इससे क्षेत्रफल में कुछ इजाफा होने के आसार हैं। मध्य प्रदेश की प्रमुख व्यापारिक मंडियों में और खासकर इंदौर- भोपाल लाइन में काबुली काबुली चना का सीमित स्टॉक बचा हुआ है जबकि मोटे दाने वाले माल की खरीद में निर्यातकों की थोड़ी-बहुत सक्रियता देखी जा रही है। घरेलू प्रभाग में भी इसकी मांग सामान्य रही है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मध्य प्रदेश में काबुली चना की आवक थम गई है क्योंकि खरीदारों को इसमें नुकसान होने की आशंका है। दिल्ली में जो पिछला स्टॉक बचा हुआ है उसका ही ज्यादा कारोबार हो रहा है। इससे कीमतों में काफी हद तक स्थिरता देखी जा रही है। व्यापार विश्लेषकों के अनुसार स्टॉक में कमी आने के बाद काबुली चना ऊंचे दाम पर कारोबार कर रहा है। बिजाई क्षेत्र में बढ़ोत्तरी की सूचना मिलने के बाद काबुली चना के दाम पर कुछ दबाव पड़ सकता है। कनाडा में उत्पादक में उत्पादन कम हुआ है और मैक्सिकों का माल अमरीका को ओर जा रहा है।