iGrain India - नई दिल्ली । हालांकि घरेलू प्रभाग में दाल-दलहन की कीमतों में ज्यादा नरमी नहीं आई है लेकिन सरकार ने कुछ विशेष कारणों से इसकी स्टॉक सीमा में ढील देने का निर्णय लिया है।
एक तो खरीफ कालीन दलहन फसलों (उड़द एवं मूंग) की आवक बढ़ने लगी है और दूसरे। त्यौहारी सीजन भी अंतिम चरण में पहुंच गया है। विदेशों से विभिन्न दलहनों (मूंग को छोड़कर) का आयात भी जारी है।
उल्लेखनीय है कि 25 सितम्बर 2023 को सरकार ने एक अधिसूचना जारी करके दलहनों की स्टॉक सीमा थोक विक्रेताओं एवं बिग चेन रिटेलर्स के लिए घटा दी थी।
2 जून 2023 को जब स्टॉक सीमा लागू हुई थी तब थोक विक्रेताओं के लिए इसकी अधिकतम मात्रा 200 टन नियत की गई थी जिसे 25 सितम्बर की अधिसूचना में घटाकर 50 टन निर्धारित किया गया। अब 6 नवम्बर 2023 से इसकी मात्रा पुनः बढ़ाकर 200 टन करने का निर्णय लिया गया है।
खुदरा व्यापारियों के लिए स्टॉक सीमा के स्तर में कोई बदलाव नहीं हुआ है और खुदरा व्यापारियों यह 5 टन पूर्व स्तर पर ही बरकरार रखा गया है।
बिग चेन रिटेलर्स के लिए दलहनों की उच्चतम भंडारण सीमा 2 जून को प्रत्येक आउट- लेट के लिए 5 टन एवं प्रत्येक डिपो के लिए 200 टन निर्धारित की गई थी जिसे 25 सितम्बर की अधिसूचना में घटा दिया गया।
प्रत्येक आउटलेट के लिए तो इसकी मात्रा 5 टन पर ही बरकरार रखी गई मगर प्रत्येक डिपो के लिए उच्चतम मात्रा को घटाकर 50 टन नियत किया गया।
अब 6 नवम्बर से प्रत्येक आउटलेट के लिए दलहनों की उच्चतम मात्रा 5 टन पर कायम रखते हुए पर्यटक डिपो पर बढ़ाकर पुनः 200 टन निर्धारित करने का फैसला किया गया है।
जहां तक मिलर्स-प्रोसेसर्स का सवाल है तो उसके लिए भी दलहनों के स्टॉक की सीमा को 2 जून के स्तर पर पहुंचाया गया है। उस समय यह स्टॉक सीमा पिछले तीन माह के उत्पादन का 25 प्रतिशत अथवा वार्षिक संचित क्षमता, जो भी ज्यादा हो, के आधार पर नियत हुई थी जिसे 25 सितम्बर के आदेश में घटाकर गत एक माह का 10 प्रतिशत नियत किया गया था। अब पुनः 25 प्रतिशत उत्पादन का स्तर निर्धारित किया गया है।
दलहन आयातकों को स्टॉक सीमा में कुछ विशेष रियायत दी गई है। इसके तहत आयातक अब कस्टम क्लीयरेंस के बाद अधिकतम दो माह (60 दिनों) तक आयातित दलहनों का स्टॉक अपने पास रख सकते हैं जबकि पहले इसकी अवधि एक माह नियत की गई थी।