iGrain India - अहमदाबाद । 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान रूई के वैश्विक उत्पादन में 50 लाख गांठ (217.70 किलो की प्रत्येक गांठ) या 4.7 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है क्योंकि प्रतिकूल मौसम के कारण चीन, अमरीका, आसट्रेलिया एवं भारत जैसे देशों में कपास की फसल प्रभावित हुई है।
हालांकि वर्तमान तिमाही (अक्टूबर-दिसम्बर 2023) के दौरान रूई के दाम में नरमी आने की संभावना है लेकिन वर्ष 2024 में इसका भाव तेज होने के आसार हैं। उद्योग समीक्षकों के अनुसार अगले साल की दूसरी तिमाही से रूई बाजार में अच्छी तेजी आ सकती है।
लेकिन कमजोर उत्पादन से टेक्सटाइल उद्योग पर विशेष प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका नहीं है क्योंकि धीरे-धीरे यह उद्योग सिंथेटिक तथा ब्लेंडेड फाइबर्स की ओर बढ़ रहा है।
एक विश्लेषक के मुताबिक कपास का वैश्विक उत्पादन 2022-23 सीजन के 1176 लाख गांठ से घटकर 2023-24 के सीजन में 1121 लाख गांठ पर सिमटने का अनुमान है।
इसके तहत चीन और अमरीका में उत्पादन ज्यादा घट सकता है क्योंकि एक तो वहां कपास के बिजाई क्षेत्र में भारी गिरावट आई और दूसरे, मौसम की हालत भी फसल के लिए काफी हद तक प्रतिकूल रही।
चीन अमरीका एवं ऑस्ट्रेलिया में से प्रत्येक देश में कपास का उत्पादन 12-12 प्रतिशत घटने की आशंका व्यक्त की गई है जबकि भारत में उत्पादन 2 प्रतिशत कम होने का अनुमान लगाया गया है।
दूसरी ओर लैटिन अमरीकी देश- ब्राजील में कपास का उत्पादन पिछले सीजन से करीब 22 प्रतिशत अधिक होने की उम्मीद है जिससे वह वैश्विक कमी की थोड़ी-बहुत भरपाई कर सकता है।
वैश्विक बाजार में रूई की आपूर्ति का अभाव महसूस हो सकता है लेकिन अमरीका यूरोप एवं अन्य विकसित देशों को वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है इसलिए रूई की मांग, खपत एवं कीमत में भारी उछाल आने की उम्मीद नहीं है। भारत में 295 लाख गांठ (170 किलो की प्रत्येक गांठ) कपास के उत्पादन एवं 25.30 लाख गांठ के पिछले स्टॉक का अनुमान लगाया गया है।