iGrain India - नई दिल्ली । देश के विभिन्न प्रमुख उत्पादक राज्यों- उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं राजस्थान आदि में खरीफ कालीन मक्का के नए माल की आपूर्ति का दबाव बढ़ने लगा है जिससे कीमतों में तेजी पर अंकुश लग सकता है। उधर बिहार में रबी कालीन मक्का का स्टॉक कम बचा है जिससे व्यापारिक गतिविधियां सुस्त पड़ती जा रही हैं।
नीचे भाव पर मक्का की खरीद में व्यापारियों- स्टॉकिस्टों एवं पॉल्ट्री तथा स्टार्च उद्योग के साथ निर्यातकों की दिलचस्पी एवं सक्रियता भी बढ़ती जा रही है जिससे बाजार में कुछ हद तक स्थिरता का माहौल देखा जा रहा है।
पंजाब-हरियाणा पहुंच के लिए बिहार एवं उत्तर प्रदेश के मक्के का भाव पिछले सप्ताह 2450-2500 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया। मक्का का दाम गेहूं सहित कुछ अन्य खाद्यान्न से अभी नीचे है इसलिए इसमें औद्योगिक मांग बरकरार है।
पड़ोसी देशों को निर्यात के लिए भारतीय बंदरगाहों पर मक्का की लोडिंग होने की सूचना भी मिल रही है मगर वियतनाम एवं मलेशिया जैसे देशों में मांग कमजोर है। पिछले साल के मुकाबले चालू खरीफ सीजन में मक्का का घरेलू उत्पादन 6 प्रतिशत घटने का अनुमान लगाया गया है जिससे आने वाले समय में इसका भाव कुछ मजबूत हो सकता है।
दूसरी ओर बाजरा के उत्पादन में इजाफा होने के संकेत मिल रहे हैं। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, हरियाणा एवं गुजरात आदि महत्वपूर्ण उत्पादक राज्यों में फसल की हालत आमतौर पर अच्छी बताई आज रही है।
उद्योग-व्यापार क्षेत्र का मानना है कि चालू वर्ष के दौरान मक्का का घरेलू उत्पादन 160 लाख टन के आसपास पहुंच सकता है। सरकार ने इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य 2500 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित कर रखा है और कहीं-कहीं इसकी खरीद भी कर रही है।