iGrain India - मुम्बई । दक्षिण-पूर्व एशिया तथा चीन की मजबूत मांग से भारतीय मूंगफली के निर्यात में अच्छी बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। इसका निर्यात ऑफर मूल्य भी ऊंचा है।
केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अधीनस्थ निकाय कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष के शुरूआती छह महीनों में यानी अप्रैल-सितम्बर 2023 के दौरान देश से मूंगफली दाने का निर्यात बढ़कर 2.55 लाख टन पर पहुंच गया जो वर्ष 2022 की समान अवधि के शिपमेंट 1.95 लाख टन से 60 हजार टन अधिक था।
इसी तरह समीक्षाधीन अवधि के दौरान इसकी निर्यात आय भी 24.60 करोड़ डॉलर से 40.75 प्रतिशत उछलकर 34.60 करोड़ डॉलर पर पहुंच गई।
हालांकि भारत में करीब 75-80 प्रतिशत मूंगफली का उत्पादन खरीफ सीजन में होता है और मार्च से पूर्व ही इसकी फसल की कटाई-तैयारी पूरी हो जाती है मगर इसके निर्यात का सिलसिला पूरे साल जारी रहता है।
मूंगफली के प्रमुख उत्पादक राज्यों में गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश आदि शामिल है। चालू खरीफ सीजन के दौरान गुजरात में बेहतर उपज दर के कारण मूंगफली का उत्पादन बढ़ने के आसार हैं।
नई फसल की कटाई-तैयारी पहली ही आरंभ हो चुकी है और इसकी वैश्विक मांग भी मजबूत है जिससे दूसरी छमाही का निर्यात प्रदर्शन बेहतर रहने की उम्मीद है।
जहां तक प्रसंस्कृत काजू कर्नेल का सवाल है तो इसका निर्यात अप्रैल-सितम्बर 2022 के 21 हजार टन से बढ़कर अप्रैल-सितम्बर 2023 के दौरान 23 हजार टन पर पहुंच गया जिससे इसकी निर्यात आय भी 15.70 करोड़ डॉलर से 0.30 प्रतिशत सुधरकर 15.80 करोड़ डॉलर पर पहुंच गई।
दूसरी ओर इसी अवधि के दौरान काजू नट शेल लिक्विड की निर्यात मात्रा तो 5 हजार टन पर स्थिर रही मगर निर्यात आय 50 लाख डॉलर से करीब 24 प्रतिशत घटकर 40 लाख डॉलर पर अटक गई।
इस तरह प्रसंस्कृत काजू कर्नेल एवं काजू नट शेल लिक्विड की संयुक्त निर्यात आमदनी में कोई बदलाव नहीं हुआ और यह 16.20 करोड़ डॉलर के पूर्व स्तर पर बरकरार रही। भारत से पहले विशाल मात्रा में काजू का निर्यात होता था लेकिन अब घरेलू मांग एवं खपत में भारी वृद्धि होने से निर्यात सीमित होने लगा है।