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उत्पादन में भारी गिरावट एवं मजबूत मांग से इलायची में तेजी के आसार

प्रकाशित 16/11/2024, 09:37 pm
उत्पादन में भारी गिरावट एवं मजबूत मांग से इलायची में तेजी के आसार
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iGrain India - नई दिल्ली । दुनिया के दोनों शीर्ष उत्पादक एवं निर्यातक देशों- ग्वाटेमाला तथा भारत में इस वर्ष छोटी इलायची के उत्पादन में 40-45 प्रतिशत तक की जोरदार गिरावट आने की आशंका है जिससे वैश्विक बाजार में इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति जटिल बनी रहेगी और मुस्लिम बहुल देशों में रमजान की मांग निकलते ही कीमतों में तेजी-मजबूती का दौर शुरू हो सकता है।

आमतौर पर ग्वाटेमाला की इलायची का भाव भारतीय माल से नीचे रहता है क्योंकि इसकी क्वालिटी अपेक्षाकृत हल्की होती है मगर इस बार उत्पादन में भारी गिरावट आने से वहां भी दाम काफी ऊंचा हो गया है। इसके फलस्वरूप ग्वाटेमाला से भारत में इलायची का आयात कठिन हो गया है। 

व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक रमजान की जोरदार मांग निकलने पर जनवरी-मार्च 2025 की अवधि के दौरान छोटी इलयाची का मूल्य उछलकर यदि 3500 रुपए प्रति किलो की ऊंचाई पर पहुंच जाए तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी।

कुछ समीक्षक तो यह भी मानते हैं कि निर्यातक मांग को पूरा करने में कठिनाई हो सकती है। ग्वाटेमाला अपने नए माल का नियमित रूप से निर्यात कर रहा है और भारत से भी इसकी प्रक्रिया जारी है। आगामी महीनों में स्टॉक कम बच सकता है। 

फरवरी 2025 तक खाड़ी क्षेत्र के देशों में भारत से छोटी इलायची के निर्यात में अच्छी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है क्योंकि वहां भारतीय निर्यातकों को ग्वाटेमाला की कठिन चुनौती का सामना नहीं करना पड़ेगा।

पिछले साल की तुलना में इस बार वहां उत्पादन 44 प्रतिशत घटकर 19 हजार टन के आसपास सिमट जाने का अनुमान है। वैसे आमतौर पर इसका उत्पादन 17 से 20 हजार टन के बीच रहने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

ग्वाटेमाला से अमरीका, कनाडा एवं मैक्सिको सहित कई अन्य देशों को भी इलायची का भारी निर्यात होता है इसलिए खाड़ी क्षेत्र में शिपमेंट के लिए वहां सीमित स्टॉक उपलब्ध हो सकता है।

दूसरी ओर भारतीय निर्यातकों का अधिकांश माल इसी क्षेत्र में पहुंचता है। उल्लेखनीय है कि ग्वाटेमाला उत्तरी अमरीका महाद्वीप के मध्यवर्ती भाग में बसा एक छोटा सा देश है। 

इधर भारत में भी केरल तथा तमिलनाडु में मौसम प्रतिकूल होने से इलायची के उत्पादन में भारी गिरावट आने की आशंका है जबकि इसकी घरेलू मांग बढ़ने लगी है।

इससे कीमत धीरे-धीरे मजबूत होती जा रही है। दीपावली पर्व के बाद आयातक देशों की इलायची में पूछ-परख शुरू हो चुकी है और इसका भाव 2500 रुपए प्रति किलो से ऊपर के स्तर पर ही रहने की उम्मीद है। आगे इसमें तेजी का माहौल रह सकता है।

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