iGrain India - नई दिल्ली । मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुरूप देश के पश्चिमोत्तर भाग में पर्वतीय क्षेत्रों एवं मैदानी इलाकों में हो रही बारिश से किसानों को रबी फसलों की बिजाई करने में आसानी होगी।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों मौसम विभाग ने कहा था कि एक नहीं बल्कि दो-दो पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से पश्चिमोत्तर राज्यों में बारिश होने वाली है। पहला विक्षोभ पाकिस्तान के मध्य दक्षिण भाग और राजस्थान के उत्तरी-पश्चिमी भाग के ऊपर अवस्थित है।
इसके पीछे-पीछे एक अन्य विक्षोभ दक्षिणी-पश्चिमी ईरान और इससे सटे दक्षिणी-पूर्व अफगानिस्तान के ऊपर निर्मित हुआ है। इन दोनों विक्षोभ के प्रभाव से 9-10 नवम्बर 2023 को जम्मू कश्मीर, लद्दाख तथा उत्तराखंड में बारिश या बर्फबारी होगी। मौसम विभाग ने यह भी कहा था कि इस पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण हिमाचल प्रदेश, पश्चिमी राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ एवं दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश होगी।
उसके बाद अगले 10 दिनों तक किसी पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना नहीं रहेगी। 9-10 नवम्बर को उपरोक्त राज्यों में बारिश हुई।
रबी फसलों की बिजाई की गति कहीं तेज तो कहीं धीमी है। पंजाब में धान तथा उत्तर प्रदेश में गन्ना की फसल की कटाई-तैयारी में हुए विलम्ब के कारण खासकर गेहूं की बिजाई पर असर पड़ रहा है।
ध्यान देने की बात है कि पंजाब में गेहूं की बोआई का आदर्श समय 15 नवम्बर तक ही है जबकि वहां लाखों हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल अभी लगी हुई है। इसकी कटाई-तैयारी में देर हो रही है क्योंकि यह लम्बी अवधि में पककर तैयार होने वाली प्रजाति का धान है। सरसों, चना, जौ, मसूर एवं मटर सहित अन्य रबी फसलों की बिजाई की रफ्तार आगामी समय में बढ़ने की उम्मीद है।