iGrain India - लालमिर्च में निर्यात व्यापार कम : भाव नरम
नई दिल्ली। चालू सप्ताह के दौरान लालमिर्च में कारोबार कम रहा भाव भी दबे रहे। जानकार सूत्रों का कहना है कि बांग्लादेश एवं चीन की लिवाली सीमित रही। लिवाल नए मालों की आवक शुरू हो जाने के पश्चात लिवाली करेंगे। वर्तमान मंडियों में हल्की क्वालिटी के मालों की आवक शुरू हो जाने के पश्चात लिवाली करेंगे। वर्तमान में मंडियों में हल्की क्वालिटी के मालों की आवक हो रही है। अच्छी क्वालिटी के मालों की आवक कम है। जिस कारण से निर्यात मांग प्रभावित हुई है।
कीमतों में गिरावट
निर्यातकों की कमजोर मांग एवं हल्की क्वालिटी के मालों की अधिकता होने के कारण गुंटूर मंडी में लालमिर्च तेजा का भाव 242 रुपए से नरमी के साथ 240 रुपए पर बोला गया। जबकि खम्मम में भाव 248 रुपए से घटकर सप्ताह के अंत में 247 रुपए पर आ आया। वारंगल में तेजा क्वालिटी का भाव सप्ताहांत में 233 रुपए पर बोला गया जबकि सप्ताह के शुरू में भाव 237 रुपए खुला था। मध्य प्रदेश की बेडिया मंडी में माही फुलकट का भाव 210/225 रुपए पर बोला जा रहा है। नए मालों की आवक में भी वृद्धि हो रही है। जबकि माहि डंडीदार का भाव 180/192 रुपए चल रहा। हैदराबाद मंडी में लालमिर्च तेजा का भाव क्वालिटीनुसार 180/220 रुपए पर आ गया अभी आवक 200/300 बोरी की हो रही है।
उत्पादन अनुमान
जानकार सूत्रों का कहना है कि प्रमुख उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में दूसरे वर्ष भी लालमिर्च का उत्पादन बढ़ने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। क्योंकि उत्पादकों को अच्छी कीमतें मिलने के कारण उत्पादक राज्यों में लालमिर्च की बिजाई 20/25 प्रतिशत अधिक क्षेत्रफल पर की गई है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 के दौरान आंध्र प्रदेश में लालमिर्च का उत्पादन लगभग 1.70/1.75 करोड़ बोरी (प्रत्येक बोरी 45 किलो) का रहा था जबकि वर्ष 2022 में उत्पादन 120/125 करोड़ बोरी का हुआ था। तेलंगाना में भी 2023 में लालमिर्च का उत्पादन 65/70 लाख बोरी का माना गया था जोकि 2022 में 45/50 लाख बोरी का रहा था। मध्य प्रदेश में लालमिर्च की बिजाई 20/25 प्रतिशत रहने के कारण उत्पादन कुछ घट सकता है। गत वर्ष मध्य प्रदेश में लालमिर्च का उत्पादन 40/42 लाख बोरी का रहा था। हालांकि इस वर्ष उत्पादन कम होने की संभावना है लेकिन इस वर्ष फसल को वायरस न लगने के कारण क्वालिटी अच्छी आ रही है।
भाव गत वर्ष से अधिक
वर्तमान में उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर लालमिर्च के भाव गत वर्ष की तुलना में अधिक चल रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि निर्यात अधिक होने के कारण कीमतों में वृद्धि दर्ज की गई है। वर्तमान में गुंटूर मंडी में तेजा क्वालिटी का भाव 240 रुपए चल रहा है। जबकि गत वर्ष इसी समयावधि में भाव 225 रुपए था। खम्मम मंडी में गत वर्ष भाव 220 रुपए बोला जा रहा था जोकि वर्तमान में 247 रुपए चल रहा है। वारंगल मंडी में भी लालमिर्च तेजा का भाव गत वर्ष की तुलना में 5/6 रुपए प्रति किलो ऊंचा चल रहा है।
तेजी की संभावना नहीं
लालमिर्च की कीमतों में हाल-फ़िलहाल तेजी की संभावना नहीं है। क्योंकि इस वर्ष उत्पादक केन्द्रों पर पैदावार गत वर्ष की तुलना में अधिक होने के समाचार है। वर्तमान में मध्य प्रदेश की मंडियों में नए मालों की आवक जोरो पर चल रही। आगामी माह से आंध्र प्रदेश की मंडियों में भी नए मालों की आवक धीरे-धीरे बढ़ने लगेगी। जबकि तेलंगाना की मंडियों में जनवरी माह में आवक शुरू हो जाएगी। अभी तक उत्पादक केन्द्रों पर फसल की स्थिति अच्छी है। आगामी दिनों में भी अगर मौसम फसल के अनुकूल बना रहता है तो निश्चित ही उत्पादन गत वर्ष की तुलना में अधिक होगा और कीमतों में भी गिरावट आएगी। अनुमान व्यक्त किया जा रहा है कि आवक का दबाव बनने पर गुंटूर मंडी में लालमिर्च तेजा का भाव 200 रुपए बन सकता है। जोकि वर्तमान में 240 रुपए बोला जा रहा है।
निर्यात अधिक
बांग्ला देश एवं चीन की अच्छी मांग के चलते चालू सीजन के दौरान लालमिर्च का निर्यात अधिक हुआ है। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-अगस्त 2023 के दौरान लालमिर्च का निर्यात 224424.34 टन का हुआ है। जबकि अप्रैल-अगस्त - 2022 के दौरान निर्यात 177475.34 टन का हुआ है। जबकि अप्रैल-अगस्त-2022 के दौरान निर्यात 177475.50 टन का हुआ था। वर्ष 2022-23 के दौरान लालमिर्च का कुल निर्यात 516184.91 टन का किया गया था। जबकि वर्ष 2021-22 में निर्यात 557143.98 टन का हुआ था। अभी तक के निर्यात प्रदर्शन को देखते हुए संभावना व्यक्त की जा रही है कि वर्ष 2023-24 में निर्यात गत वर्ष की तुलना में अधिक रहेगा।