iGrain India - नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश एवं महाराष्ट्र में गन्ना की क्रशिंग आरंभ होने के साथ ही नई चीनी का उत्पादन, भंडारण एवं कारोबार शुरू हो गया है। बेशक महाराष्ट्र में गन्ना की फसल बेहद कमजोर होने से इसकी क्रशिंग तीन माह से ज्यादा समय तक जारी रहने की संभावना बहुत कम है लेकिन इसी तीन माह (नवम्बर-जनवरी) में चीनी का उत्पादन 85-90 लाख टन के बीच पहुंचने के आसार हैं।
दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में गन्ना की क्रशिंग कमोबेश मार्च-अप्रैल तक जारी रहने की उम्मीद है जिससे वहां चीनी का उत्पादन 100 लाख टन की सीमा को पार कर जाएगा।
महाराष्ट्र में किसानों को राज्य से बाहर भी अपने गन्ने की बिक्री करने की छूट मिल गई है जबकि पड़ोसी प्रान्त- कर्नाटक में सूखे की वजह से गन्ना की फसल क्षतिग्रस्त हो गई है और वहां चीनी मिलर्स महाराष्ट्र के किसानों से ऊंचे दाम पर गन्ना की खरीद का जोरदार प्रयास कर सकते हैं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपने प्रयास में कितना सफल होते हैं और गन्ना को राज्य से बाहर नहीं जाने देने महाराष्ट्र के चीनी मिलर्स किस तरह की रणनीति अपनाते हैं। कर्नाटक में भी चीनी का उत्पादन काफी घटने की आशंका है।
उद्योग समीक्षकों का कहना है कि महाराष्ट्र के गन्ने की क्रशिंग चाहे राज्य के अंदर हो या राज्य से बाहर हो, चीनी के कुल घरेलू उत्पादन पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा और न ही उत्पादन अनुमान में कोई कमी-वृद्धि होगी। वैसे चालू माह के दौरान कर्नाटक के कुछ इलाकों में अच्छी बारिश हुई है जिससे गन्ना की फसल को भी कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।