iGrain India - नई दिल्ली । रबी सीजन में उत्पादित होने वाली एक महत्वपूर्ण दलहन फसल-मसूर की बिजाई इस बार काफी तेज गति से हो रही है। राष्ट्रीय स्तर पर 10 नवम्बर तक इसका क्षेत्रफल बढ़कर 7.74 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो गत वर्ष की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 6.61 लाख हेक्टेयर से 1.13 लाख हेक्टेयर या 17 प्रतिशत अधिक है। मसूर के प्रमुख उत्पादक प्रांतों में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार आदि शामिल हैं।
मध्य प्रदेश के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में मौसम सामान्य से ज्यादा शुष्क बना हुआ है। दिसम्बर-जनवरी का महीना मसूर की फसल के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण माना जाता है।
यदि इस अवधि में मौसम एवं बारिश की स्थिति अनुकूल रही तो मसूर की औसत उपज दर में अच्छी बढ़ोत्तरी हो सकती है। केन्द्र सरकार ने किसानों को अधिक से अधिक क्षेत्र में बिजाई के लिए प्रोत्साहित करने हेतु मसूर के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 7 प्रतिशत का इजाफा कर दिया है।
दो केन्द्रीय एजेंसियों- नैफेड एवं एनसीसीएफ द्वारा बफर स्टॉक के निर्माण के लिए करीब 5 लाख टन लाल मसूर की खरीद की गई है जिसमें स्वदेशी उत्पादन के साथ-साथ विदेशों से आयातित माल भी शामिल है। आयातित मसूर की खरीद टेंडर के माध्यम से की गई। हल्की क्वालिटी के करीब 15 हजार टन कार्गो की अस्वीकार भी कर दिया गया।
घरेलू प्रभाग में लाल मसूर का भाव एक निश्चित दायरे में घूम रहा है। इसका दाम 6050-6100 रुपए प्रति क्विंटल (700 डॉलर प्रति टन) चल रहा है जो 2023-24 सीजन के लिए निर्धारित 6425 रुपए प्रति क्विंटल (750 डॉलर प्रति टन) के न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे है।
न्हावा शेवा बंदरगाह तक पहुंच के लिए क्रिमसन एमडी मसूर का ऑफर मूल्य नवम्बर-दिसम्बर डिलीवरी के लिए 750 डॉलर प्रति टन बताया जा रहा है मगर इसकी खरीद में विशेष दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई मसूर की तुलना में कनाडाई क्रिमसन मसूर का 'पड़ता' नहीं बैठ रहा है।
ऑस्ट्रेलिया में मसूर के नए माल की आवक पहले ही आरंभ हो चुकी है और उसकी निप्पर / हॉल मार्क वैरायटी का ऑफर मूल्य कोलकाता पहुंच के लिए 720-725 डॉलर प्रति टन चल रहा है जो नवम्बर-दिसम्बर एवं दिसम्बर-जनवरी डिलीवरी के लिए है। ऐसी खबर मिल रही है कि इसका कुछ कारोबार 715 एवं 717 डॉलर प्रति टन के मूल्य स्तर पर हुआ है।
भारत में अप्रैल-अक्टूबर 2023 के सात महीनों में 7,88,599 टन मसूर का आयात हुआ जिसमें ऑस्ट्रेलियाई मसूर की भागीदारी 3,92,542 टन तथा कनाडाई मसूर की हिस्सेदारी 3,65,547 टन रही। आगे ऑस्ट्रेलिया से मसूर का आयात तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।