iGrain India - ब्रिसबेन । सरकारी संस्था- ऑस्ट्रेलियाई संख्यिकी ब्यूरो (एबीएस) के आंकड़ों से पता चलता है कि 2022-23 के मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान ऑस्ट्रेलिया से मसूर का कुल निर्यात तेजी से बढ़कर 17,45,433 टन के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया। भारत इसका सबसे बड़ा खरीदार रहा जिसने वहां से 8,21,479 टन (47 प्रतिशत) का आयात किया।
इसके बाद बांग्लादेश ने 2.61 लाख टन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने 1.78 लाख टन तथा श्रीलंका ने 1.69 लाख टन मसूर का आयात किया। उल्लेखनीय है कि अबारेस ने ऑस्ट्रेलिया में 2022-23 सीजन के दौरान करीब 16.80 लाख टन मसूर के रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान लगाया था जबकि निर्यात का आंकड़ा उससे भी अधिक बड़ा था। इससे प्रतीत होता है कि वहां मसूर का वास्तविक उत्पादन 20 लाख टन के आसपास पहुंच गया था।
उद्योग-व्यापार क्षेत्र का मानना है कि 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन के दौरान ऑस्ट्रेलिया में लगभग 14.50 लाख टन मसूर का उत्पादन हो सकता है जो अबारेस द्वारा लगाए गए उत्पादन अनुमान 12.30 लाख टन से 2.20 लाख टन ज्यादा है। इसके फलस्वरूप निर्यात में गिरावट आएगी क्योंकि वहां मसूर का पिछला बकाया स्टॉक भी नगण्य है।
साउथ ऑस्ट्रेलिया प्रान्त में मसूर की 80 प्रतिशत एवं विक्टोरिया प्रान्त में 50 प्रतिशत फसल की कटाई-तैयारी पूरी हो चुकी है। ऑस्ट्रेलिया में करीब 95 प्रतिशत मसूर का उत्पादन इन्हीं दो प्रांतों में होता है।
साउथ ऑस्ट्रेलिया और विक्टोरिया का उत्पादन औसत क्रमश: 60 प्रतिशत एवं 40 प्रतिशत रहता है। वहां इस बार मसूर की क्वालिटी अच्छी है और दाने में खराबी आने का अभी तक कोई स्पष्ट संकेत या प्रमाण सामने नहीं आया है।
ऑस्ट्रेलिया में निप्पर श्रेणी की मसूर का ऑफर मूल्य 1040 डॉलर प्रति टन चल रहा है जबकि खरीदारों की बोली 1020 डॉलर प्रति टन की बताई जा रही है।
पिछले दो सप्ताह के अंदर यह डीसीटी मूल्य मूल्य 990 डॉलर से बढ़कर 1040 डॉलर प्रति टन पर पहुंचा है। ऑस्ट्रेलिया से कोलकाता पहुंच के लिए मसूर का भाव 725-730 अमरीकी डॉलर प्रति टन बैठ रहा है। लेकिन वहां से मसूर के निर्यात शिपमेंट के रास्ते में कुछ चुनौतियां भी उत्पन्न होने की आशंका है।