iGrain India - लुधियाना । केन्द्रीय पूल में खाद्यान्न का सर्वाधिक योगदान देने वाले राज्य- पंजाब में रबी सीजन के सबसे प्रमुख खाद्यान्न- गेहूं की बिजाई का आदर्श समय 15 नवम्बर को समाप्त हो गया मगर वहां इस महत्वपूर्ण अनाज का उत्पादन क्षेत्र नियत लक्ष्य से करीब 45 प्रतिशत पीछे रह गया।
पंजाब के कृषि विभाग ने 2023-24 के रबी सीजन हेतु गेहूं की बिजाई का लक्ष्य 35 लाख हेक्टेयर निर्धारित किया है जिसके सापेक्ष 14 नवम्बर तक केवल 19.47 लाख हेक्टेयर (55 प्रतिशत) क्षेत्र में ही बिजाई संभव हो सकी।
शेष क्षेत्रफल में गेहूं की बिजाई अगले 8-10 दिन में पूरी होने की संभावना है। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों का कहना है कि आदर्श अवधि के बाद यदि बिजाई होती है तो गेहूं की औसत उपज दर में प्रत्येक सप्ताह डेढ़ क्विंटल प्रति एकड़ तक की गिरावट आने की आशंका रहती है।
पंजाब के कुछ भागों में धान की फसल अभी खेतों में खड़ी है जिसकी जोरदार कटाई-तैयारी जारी है। मोटे अनुमान के अनुसार कुल क्षेत्रफल के करीब 7 प्रतिशत भाग में धान की फसल अभी तक काटी नहीं जा सकी है।
वहां लगभग 5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में पराली के प्रबंधन की गंभीर चुनौती भी मौजूद है। इस क्षेत्रफल में हाल ही में धान की कटाई हुई है और जब तक पराली हटाने की व्यवस्था नहीं होती है तब तक गेहूं की बिजाई के लिए खेतों को तैयार करना मुश्किल है।
विशेषज्ञों के अनुसार पंजाब में 1 से 15 नवम्बर तक के समय को गेहूं की खेती के लिए आदर्श अवधि माना जाता है लेकिन कुछ क्षेत्रों में किसान गेहूं की ऐसी प्रजाति की बिजाई कर रहे हैं जिसकी परिपक्वता अवधि लम्बी होती है या जिसकी बिजाई देर से की जा सकती है।
दरअसल वहां धान की कटाई एवं गेहूं की बिजाई के बीच बहुत छोटा समयांतराल रहता है और महज 15 दिनों के अंदर 35 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बोआई करना कठिन हो जाता है।
इसके अलावा पंजाब में चालू रबी सीजन के दौरान करीब एक लाख हेक्टेयर में तिलहन फसलों (खासकर सरसों) की बिजाई भी होने की उम्मीद है। गेहूं की बिजाई अभी 15.53 लाख हेक्टेयर में होता बाकी है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार चालू रबी सीजन के दौरान अब तक गेहूं का उत्पादन क्षेत्र पंजाब के पटियाला जिले में 2.04 लाख हेक्टेयर, संगरूर में 1.69 लाख, अमृतसर में 1.50 लाख, तरन तारन में 1.48 लाख, लुधियाना में 1.47 लाख गुरदासपुर में 1.41 लाख,
भटिंडा में 1.28 लाख तथा जालंधर जिले में 1.04 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा है जबकि मनसा, मोगा, फिरोजपुर, कपूरथला, फरीदकोट एवं फाजिल्का, होशियारपुर, फतेह गढ़ सहिब, रोपड़ तथा एसबीएस नगर जिले में क्षेत्रफल 50 से 85 हजार हेक्टेयर के बीच पहुंचा है।