iGrain India - नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र एवं कर्नाटक सहित देश के कुछ अन्य राज्यों में गन्ना की क्रशिंग आरंभ होने से चीनी का निर्माण शुरू हो गया है मगर इसका उत्पादन गत वर्ष से काफी पीछे चल रहा है।
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) में 15 नवम्बर 2023 तक राष्ट्रीय स्तर पर चीनी का उत्पादन 12.75 लाख टन पर ही पहुंच सका जो 15 नवम्बर 2022 तक के उत्पादन 20.20 लाख टन से 7.45 लाख टन कम था।
पिछले साल की तुलना में चालू मार्केटिंग सीजन के दौरान चीनी का उत्पादन उत्तर प्रदेश में 3.60 लाख टन से फिसलकर 3.40 लाख टन, महाराष्ट्र में 8.60 लाख टन से लुढ़ककर 2.40 लाख टन तथा कर्नाटक में 6.10 लाख टन से घटकर 4.30 लाख टन पर अटक गया।
दूसरी ओर गुजरात में चीनी का उत्पादन इस अवधि में 60 हजार टन से बढ़कर 80 हजार टन, बिहार में 15 हजार टन से सुधरकर 20 हजार टन तथा तमिलनाडु में 90 हजार टन से उछलकर 1.30 लाख टन पर पहुंच गया।
हरियाणा में उत्पादन 10 हजार टन पर स्थिर रहा मगर उत्तराखंड में 15 हजार टन से गिरकर 10 हजार टन पर सिमट गया। जहां तक आंध्र प्रदेश की बात है तो पिछले साल 15 नवम्बर तक वहां चीनी का उत्पादन शुरू नई हुआ था जबकि इस बार 15 हजार टन का उत्पादन हो गया।
इसके अलावा पंजाब एवं मध्य प्रदेश में भी चीनी का अच्छा उत्पादन होता है जबकि राजस्थान एवं उड़ीसा में अत्यन्त सीमित उत्पादन होता है।
अनुमान के अनुरूप महाराष्ट्र में इस बार चीनी का उत्पादन काफी घट रहा है।
वहां आमतौर पर 1 नवम्बर से गन्ना क्रशिंग नया सीजन औपचारिक तौर पर शुरू हो गया लेकिन गन्ना के ऊंचे दाम को लेकर कोल्हापुर संभाग में किसानों एवं चीनी मिलर्स के बीच मतभेद बढ़ गया। इससे मिलों को गन्ना की आपूर्ति कुछ दिनों तक नहीं हो पाई।
इससे राज्य में पिछले साल के मुकाबले इस बार केवल एक-चौथाई चीनी का ही निर्माण हो सका। जहां तक उत्तर प्रदेश का सवाल है तो वहां चीनी उत्पादन की स्थिति लगभग सामान्य बनी हुई है और गुजरात, तमिलनाडु तथा बिहार में बेहतर उत्पादन हो रहा है।
सूखाग्रस्त प्रान्त- कर्नाटक में चीनी का उत्पादन कम होने तथा महराष्ट्र में उत्पादन काफी घटने का अनुमान लगाया जा रहा है।