iGrain India - नई दिल्ली । सरकारी एजेंसी- नैफेड द्वारा केन्द्रीय बफर स्टॉक से बिक्री की प्रक्रिया निरंतर जारी रखे जाने का बावजूद घरेलू प्रभाग में चना का थोक मंडी भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी ऊंचा चल रहा है जिससे व्यापारियों को विदेशों और खासकर अफ्रीकी देशों से इसका आयात बढ़ाने का प्रोत्साहन मिल रहा है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के आरंभिक साथ महीनों (अप्रैल-अक्टूबर 2023) में देसी चना का कुल आयात बढ़कर 86,815 टन पर पहुंच गया जो पिछले वित्त वर्ष की सम्पूर्ण अवधि के आयात 59,255 टन तथा शुरूआती सात महीनों के आयात 30,440 टन से काफी अधिक है।
चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल में 342 टन, मई में 240 टन, जून में 242 टन, जुलाई में 517 टन तथा अगस्त में 1319 टन देसी चना का सीमित आयात हुआ था मगर सितम्बर में 34,940 टन तथा अक्टूबर में 49,213 टन का भारी आयात होने का अनुमान है।
इसके मुकाबले वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान अप्रैल 2022 में 2348 टन, जून में 2544 टन, अगस्त में 189 टन, सितम्बर में 8692 टन तथा अक्टूबर में 16,667 टन सहित कुल 30,440 टन देसी चना का आयात किया गया था।
दिलचस्प तथ्य यह है कि वर्ष 2022 में मई तथा जुलाई माह के दौरान देश में चना का आयात बिलकुल बंद रहा। नवम्बर 2022 में 21,749 टन, दिसम्बर में 5419 टन, जनवरी 2023 में 840 टन, फरवरी में 622 टन तथा मार्च 2023 में 185 टन चना मंगाया गया। इसका थोड़ा बहुत आयात ऑस्ट्रेलिया से भी होता है।
इससे पूर्व वित्त वर्ष 2021-22 में 1,40,486 टन, 2020-21 में 1,40,991 टन तथा 2019-20 में 1,17,839 टन चना का आयात किया गया था। रबी सीजन के इस सबसे प्रमुख दलहन फसल (चना) की बिजाई पहले ही आरंभ हो चुकी है और अब जोर पकड़ने लगी है।