iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय ने 2023-24 के खरीफ मार्केटिंग सीजन के दौरान कुल 521.27 लाख टन चावल की खरीद का लक्ष्य नियत किया है लेकिन उत्पादन में गिरावट तथा अब तक की स्थिति को देखते हुए लगता है कि इस लक्ष्य की प्राप्ति मुश्किल है।
पंजाब हरियाणा में चावल की खरीद पिछले सीजन के बराबर या उससे कुछ कम होने की संभावना है। छत्तीसगढ़ में भी कमोबेश यही हाल रह सकता है लेकिन असली समस्या उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, उड़ीसा एवं बिहार जैसे राज्यों में उत्पन्न होने की आशंका है।
पंजाब में अक्टूबर माह के दौरान चावल की खरीद में 13 प्रतिशत की गिरावट आ गई लेकिन नवम्बर के पहले पखवाड़े में स्थिति कुछ सुधर गई। इसके बावजूद वहां 15 नवम्बर तक 108.70 लाख टन चावल खरीदा जा सका जो गत वर्ष की समान अवधि की खरीद 113.70 लाख टन से 4.4 प्रतिशत या 5 लाख टन कम है। वहां कुल 122 लाख टन चावल की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
हरियाणा में 15 नवम्बर 2023 तक 38.91 लाख टन चावल खरीदा गया जो गत वर्ष के 38.93 लाख टन के लगभग बराबर ही है। ज्ञात हो कि हरियाणा में इस बार 40 लाख टन चावल खरीदने का लक्ष्य रखा गया है जबकि सरकारी क्रय केन्द्रों पर धान की आवक तेजी से घटती जा रही है।
पिछले साल राज्य में कुल 39.77 लाख टन चावल की सरकारी खरीद हुई थी। यदि आवक जारी रही तो खरीद की मात्रा नियत लक्ष्य से कुछ आगे निकल सकती है। राज्य में धान-चावल की खरीद की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है।
उत्तर प्रदेश में 15 नवम्बर तक सिर्फ 1.57 लाख टन चावल की खरीद हुई जो पिछले साल की खरीद 2.39 लाख टन से 34 प्रतिशत कम है। वहां धान-चावल के उत्पादन में इस बार भी गिरावट आने की संभावना है।
उधर दक्षिण भारतीय राज्य- तमिलनाडु में चावल की खरीद गत वर्ष के 5.74 लाख टन से 37 प्रतिशत घटकर इस बार 3.63 लाख टन पर सिमट गई।
तेलंगाना में चावल की खरीद 4 हजार टन की वृद्धि के साथ 2.26 लाख टन पर पहुंची है जबकि छत्तीसगढ़ में यह 3.56 लाख टन से घटकर 2.65 लाख टन रह गई। खरीद की प्रक्रिया आगे जारी रहेगी।