iGrain India - मुम्बई । नेशनल फेडरेशन ऑफ को ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज द्वारा जारी एक रिपोर्ट से पता चलता है कि चालू मार्केटिंग सीजन में 1 अक्टूबर से 15 नवम्बर 2023 के डेढ़ महीनों के दौरान देश में चीनी का उत्पादन घटकर 12.80 लाख टन पर सिमट गया जो पिछले साल की समान अवधि के उत्पादन से 7.8 प्रतिशत कम था।
फेडरेशन के अनुसार इस वर्ष 15 नवम्बर तक राष्ट्रीय स्तर पर 263 चीनी मिलों में गन्ना की क्रशिंग आरंभ हुई और इन मिलों द्वारा 162 लाख टन गन्ना की पेराई की गई।
इसके मुकाबले पिछले साल की इसी अवधि में 317 चीनी मिलें सक्रिय हुई थीं और उसमें 246 लाख टन गन्ना की क्रशिंग हुई थी। फेडरेशन के अनुसार यद्यपि गन्ना क्रशिंग का नया सीजन कुछ जल्दी आरंभ हो गया लेकिन चीनी मिलों में गन्ना क्रशिंग की गति धीमी रही।
उत्तर प्रदेश में गन्ना की क्रशिंग अक्टूबर में ही आरंभ हो गई थी जबकि महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में 1 नवम्बर से शुरू हुई।
पिछले साल की तुलना में इस बार चीनी का उत्पादन 7.40 लाख टन घट गया है क्योंकि एक तो गन्ना की कम मात्रा की क्रशिंग हुई और दूसरे गन्ना से चीनी की औसत रिकवरी दर भी कमजोर रही।
गत वर्ष की तुलना में चालू सीजन के दौरान चीनी की रिकवरी दर 0.3 प्रतिशत गिरकर 7.85 प्रतिशत रह गई। फेडरेशन ने चीनी का कुल घरेलू उत्पादन 2022-23 सीजन के 331 लाख टन से 12 प्रतिशत घटकर 2023-24 के वर्तमान सीजन में 291.50 लाख टन पर सिमटने का अनुमान व्यक्त किया है। इसके तहत खासकर महाराष्ट्र एवं कर्नाटक जैसे अग्रणी उत्पादक राज्यों में चीनी का उत्पादन काफी घटने की संभावना व्यक्त की गई है।
फेडरेशन के मुताबिक समीक्षाधीन अवधि के दौरान उत्तर प्रदेश में 75 इकाइयों द्वारा 39 लाख टन गन्ना की पेराई करके 3.40 लाख टन चीनी का निर्माण किया गया जो गत वर्ष के उत्पादन 3.60 लाख टन से कुछ कम रहा।
इसी तरह चीनी का उत्पादन महाराष्ट्र में 8.60 लाख टन से लुढ़ककर 2.40 लाख टन और कर्नाटक में 6.10 लाख टन से घटकर 4.30 लाख टन पर सिमट गया।