iGrain India - नई दिल्ली । चालू सप्ताह के अंत में धनिया की कीमतों में तेजी का दौर देखा गया। उल्लेखनीय है कि त्यौहारी सीजन होने के कारण अधिकांश उत्पादक केन्द्रों पर अवकाश रहा लेकिन सप्ताह के अंतिम दो दिन में कुछ मंडियों में व्यापार होने के कारण कीमतों में 200/300 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई है।
सप्ताह के अंतिम दिन गुजरात की मंडियों में भी व्यापार शुरू हो गया है। और धनिया के भाव 300/400 रुपए प्रति क्विंटल तेजी के साथ बोले गए। सूत्रों का कहना है कि उत्पादक केन्द्रों पर इस वर्ष बिजाई घटने के कारण धनिया कीमतों में अब मंदे के आसार नहीं हैं। अभी भाव तेज रहने के अनुमान लगाए जा रहे हैं।
बिजाई
प्राप्त जानकारी के अनुसार गत वर्ष उत्पादक राज्यों में धनिया की बिजाई का क्षेत्रफल 4.95 लाख हेक्टेयर का रहा था। मगर इस वर्ष बिजाई 60/65 प्रतिशत ही रहने के अनुमान है।
16 नवम्बर तक प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात में धनिया की बिजाई 4599 हेक्टेयर में हुई है जबकि गत वर्ष इसी समयावधि में बिजाई 32210 हेक्टेयर पर की गई थी। राजस्थान में 17 नवम्बर तक धनिया की बिजाई 32 हजार हेक्टेयर पर हो चुकी है।
मध्य प्रदेश में बिजाई गत वर्ष की तुलना में पीछे चल रही है। क्योंकि चालू सीजन के दौरान उत्पादकों को उनकी उपज का उचित मूल्य न मिलने के कारण किसानों ने धनिया की जगह अन्य फसलों की बिजाई को प्राथमिकता दी है।
रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद आयात
चालू सीजन के दौरान देश में धनिया का रिकॉर्ड 1.60/1.70 करोड़ बोरी का उत्पादन हुआ था मगर इसके बावजूद भी रूस से धनिया का आयात किया गया जोकि समझ से परे है।
अधिक उत्पादन एवं आयात के पूरे सीजन धनिया की कीमतों में तेजी नहीं बन पाएगी। और भाव 5/8 रुपए प्रति किलो मंदा-तेजी के बीच ही घूमते रहे। जबकि अन्य मसालों, जीरा, सौंफ की कीमतों में अच्छी तेजी आई जिसका असर धनिया बिजाई पर पड़ा है।
स्टॉक
वर्तमान में उत्पादक केन्द्रों पर धनिया का स्टॉक पर्याप्त है। कमजोर बिजाई के कारण बाजार में सट्टेबाजी बढ़ जाएगी। ओर कीमतें भी बढ़ेगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार गुजरात की मंडियों में वर्तमान में धनिया का स्टॉक 35/38 लाख बोरी, मध्य प्रदेश 16/18 लाख बोरी माना जा रहा है। जबकि राजस्थान में स्टॉक 12/13 लाख बोरी होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। जोकि नई फसल आने तक पर्याप्त है।
धारणा तेजी की
जानकार सूत्रों का कहना है कि धनिया की वर्तमान कीमतों में मंदे की संभावना नहीं है। अब त्यौहारी सीजन समाप्त हो गया है। आगामी दिनों में मसाला निर्माताओं के अलावा लोकल मांग में भी सुधार होगा।
जिस कारण से अब धनिया के भाव धीरे-धीरे बढ़ते रहेंगे। नए मालों की आवक शुरू होने के पश्चात भी कीमतों में अधिक मंदा संभव नहीं है। जबकि नई फसल की आवक फरवरी-मार्च माह में शुरू हो जाएगी। वर्तमान में उत्पादक केन्द्रों पर बिजाई का कार्य जोरों पर चल रहा है।
निर्यात
गत दो वर्षों से धनिया के निर्यात में बढ़ोत्तरी हो रही है। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021-22 के दौरान धनिया का निर्यात 48656 टन का हुआ था। जोकि वर्ष 2022-23 में बढ़कर 54481 टन का हो गया।
चालू सीजन में धनिया कीमतें मंदी रहने के कारण शुरूआती पांच माह के दौरान ही रिकॉर्ड निर्यात किया जा चुका है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अप्रैल अगस्त 2023 के दौरान धनिया का निर्यात 67120 टन का किया जा चुका है।