iGrain India - मुम्बई । कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने अपनी नई मासिक रिपोर्ट में 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन हेतु कपास का घरेलू उत्पादन अनुमान पिछले माह के 295.10 लाख गांठ (170 किलो की प्रत्येक गांठ) से एक लाख गांठ घटाकर 294.10 लाख गांठ निर्धारित किया है।
हरियाणा में पिंक बॉलवर्म कीट के आयात से फसल को हुए नुकसान को देखते हुए एसोसिएशन ने उत्तरी क्षेत्र (पंजाब, हरियाणा, राजस्थान) में कपास का उत्पादन अनुमान 41.66 लाख गांठ से घटाकर 40.66 लाख गांठ नियत किया है।
अपर राजस्थान में कपास का उत्पादन 7 लाख गांठ घटने तथा पंजाब में भी उत्पादन कम होने की संभावना व्यक्त की गई है जबकि लोअर राजस्थान एवं हरियाणा में उत्पादन बढ़ने का अनुमान लगाया गया है।
मध्यवर्ती भारत (गुजरात, महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश) में कपास के उत्पादन अनुमान को 175.65 लाख गांठ से 15 लाख गांठ छोटा है। एसोसिएशन के अनुसार तीनों प्रांतों में प्रतिकूल मौसम से कपास की फसल प्रभावित हुई है।
दक्षिणी जोन (तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक एवं तमिलनाडु) में कपास का उत्पादन पिछले सीजन के 72.95 लाख गांठ से घटकर इस बार 65.60 लाख गांठ पर सिमटने की संभावना व्यक्त की गई है।
गत वर्ष की तुलना में इस बार तेलंगाना, आंध्र प्रदेश एवं कर्नाटक में कपास का उत्पादन घटने का अनुमान लगाया गया है जबकि तमिलनाडु में उत्पादन 5.31 लाख गांठ से बढ़कर 6.36 लाख गांठ पर पहुंचने की उम्मीद व्यक्त की गई है।
इसके अलावा उड़ीसा सहित अन्य छोटे-छोटे उत्पादक राज्यों में उत्पादन कम होने की संभावना है। एसोसिएशन के अनुसार 2022-23 के सीजन में 311.63 लाख गांठ कपास का उत्पादन हुआ था।