iGrain India - कुरुक्षेत्र । हरियाणा में खरीफ कालीन धान की फसल लगभग कट चुकी है और मंडियों में इसके अधिकांश भाग की आवक हो गई है। सरकारी एजेंसियों द्वारा किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की अच्छी खरीद की गई है।
राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा जारी आंकड़ों से ज्ञात होता है कि वर्तमान खरीफ मार्केटिंग सीजन के दौरान 22 नवम्बर 2023 तक हरियाणा की मंडियों में लगभग 955.96 लाख टन धान की आवक हुई जिसमें से 55.95 लाख टन की खरीद हो गई और केवल 1 हजार टन की खरीद बाकी है।
कल यानी 23 नवम्बर तक इसकी भी खरीद हो जाएगी। सरकारी क्रय केन्द्रों पर सामान्य औसत क्वालिटी का धान पहुंचने से इसकी खरीद में कोई कठिनाई नहीं हो रही है लेकिन अब आपूर्ति अंतिम चरण में पहुंच गई है।
खाद्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 22 नवम्बर 2023 तक हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में सर्वाधिक 10.08 लाख टन से अधिक धान की आवक हुई जबकि अम्बाला जिले में 5.78 लाख टन, फतेहाबाद में 8.54 लाख टन, कैथल में 8.95 लाख टन, करनाल में 9.58 लाख टन तथा यमुना नगर जिले में 6.51 लाख टन धान की आवक हुई।
ये सारे ऐसे जिले हैं जहां 5 लाख टन या उससे अधिक धान आया। इसके अलावा जीन्द में 2.07 लाख टन तथा सिरसा में 2.12 लाख टन धान पहुंचा।
धान की आवक फरीदाबाद में 2 हजार टन, हिसार में 78 हजार टन, झज्जर में 1 हजार टन, पलवल में 25 हजार टन, पंचकूला में 86 हजार टन, पानीपत में 27 हजार टन, रोहतक में 7 हजार टन तथा सोनीपत जिले में 6 हजार टन दर्ज की गई। रेवाड़ी जिले में केवल 4 टन धान ही बिकने के लिए मंडी में पहुंचा।
हरियाणा में चालू खरीफ सीजन के दौरान पहले मूसलाधार वर्षा एवं भयंकर बाढ़ से धान की फसल को नुकसान हुआ और फिर अगस्त तथा अक्टूबर के शुरू एवं गर्म मौसम ने कुछ क्षेत्रों में फसल को आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया इसके फलस्वरूप वहां बासमती तथा गैर बासमती- दोनों किस्म के धान का उत्पादन घटने की संभावना है।
मंडियों में आवक तेजी से घटती जा रही है जिससे प्रतीत होता है कि शीघ्र ही इसकी खरीद प्रक्रिया भी बंद हो जाएगी।