iGrain India - ब्रिसबेन । ऑस्ट्रेलिया के दो महत्वपूर्ण उत्पादक प्रांतों- क्वींसलैंड एवं न्यू साउथ वेल्स में चना फसल की कटाई लगभग समाप्त हो गई है। हालांकि इसकी उपज दर औसत स्तर की या उससे भी नीचे रही लेकिन दाने की क्वालिटी बेहतरीन देखी जा रही है।
दक्षिणी क्वींसलैंड के डार्लिंग डाउंस क्षेत्र में नम्बर वन क्वालिटी के चना का भाव 870 डॉलर प्रति टन चल रहा है जो मध्य अक्टूबर में प्रचलित मूल्य से करीब 30 डॉलर प्रति टन कम है।
समीक्षकों के अनुसार भारत में रबी फसलों और खासकर चना की बिजाई में आ रहे सुधार के कारण ऑस्ट्रेलिया में दाम नरम पड़ा है। हालांकि भारत अब चना का नगण्य आयात करता है लेकिन इसके उत्पादन का असर कई देशों पर पड़ता है।
बेहतर उत्पादन होने पर भारत में चना के आयात की संभावना कम रहती है। वैसे भी वहां इस पर 60 प्रतिशत का भारी-भरकम आयात शुल्क लगा हुआ है।
पिछले साल जब ऑस्ट्रेलिया में फसल कटाई का दौर चल रहा था तब भारी वर्षा होने से चना की क्वालिटी बुरी तरह प्रभावित हुई थी लेकिन चालू वर्ष के दौरान मौसम साफ रहने से दाने की क्वालिटी बेहतरीन देखी जा रही है।
दाना फ्रेश चमकदार है जिससे कीमतों का स्तर कुछ ऊंचा है। सरकारी एजेंसी- अबारेस ने 2023-24 सीजन के दौरान चना की औसत उपज दर 1.25 टन प्रति हेक्टेयर से कम है। लेकिन हकीकत यह है कि इस बात बार वहां चना की उपज दर घटकर महज 1 टन (1000 किलो) प्रति हेक्टेयर के आसपास देखी जा रही है।
अबारेस ने चालू मार्केटिंग सीजन के दौरान ऑस्ट्रेलिया में चना का उत्पादन गिरकर 5.33 लाख टन पर सिमटने का अनुमान लगाया है जो पिछले साल के उत्पादन 5.41 लाख टन से 8 हजार टन कम है।
पाकिस्तान ऑस्ट्रेलियाई चना का सबसे प्रमुख खरीदार बना हुआ है जबकि बांग्ला देश में भी बल्क रूप में आयात के लिए इसकी मांग बढ़ रही है। मध्य पूर्व एशिया के देश कंटेनरों में इसके आयात पर अधिक जोर दे रहे हैं।