iGrain India - कोच्चि । मसाला बोर्ड के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में यानी अप्रैल-सितम्बर 2023 के दौरान देश में मसालों का कुल निर्यात बढ़कर 7.48 लाख टन के करीब पहुंच गया जिससे लगभग 16,899 करोड़ रुपए की शानदार आमदनी प्राप्त हुई।
इसके मुकाबले पिछले साल की समान अवधि के दौरान लगभग 6.94 लाख टन मसालों के निर्यात से 15,830 करोड़ रुपए की आय हासिल हुई थी। बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार गत वर्ष की तुलना में चालू वित्त वर्ष के दौरान देश से लालमिर्च, धनिया, हल्दी, जायफल एवं जावित्री के निर्यात में इजाफा हुआ जबकि जीरा, कालीमिर्च एवं छोटी- बड़ी इलायची के निर्यात में गिरावट दर्ज की गई।
मसालों के निर्यात पर लालमिर्च का वर्चस्व बरकरार है। समीक्षाधीन अवधि के दौरान इसका निर्यात 2.24 लाख टन से बढ़कर 2.58 लाख टन पर पहुंचा और इसकी निर्यात आय भी 4444 करोड़ रुपए से बढ़कर 5317 करोड़ रुपए पर पहुंच गई। इसी तरह हल्दी की निर्यात मात्रा 88,367 टन से बढ़कर 92,025 टन तथा निर्यात आय 880.56 करोड़ रुपए से बढ़कर 918.94 करोड़ रुपए पर पहुंच गई।
धनिया के निर्यात में जबरदस्त उछाल आया और यह पिछले साल के 21,775 टन से उछलकर इस वर्ष 71,931 टन पर पहुंचा। इसकी निर्यात आमदनी भी 295.11 करोड़ रुपए से बढ़कर 592.20 करोड़ रुपए पर पहुंच गई।
इसी तरह अजवायन की निर्यात आमदनी भी 295.11 करोड़ रुपए से बढ़कर 592.20 करोड़ रुपए पर पहुंच गई। इसी तरह अजवायन की निर्यात मात्रा 3002 टन से बढ़कर 3372 टन तथा निर्यात आय 42.64 करोड़ रुपए से बढ़कर 51.89 करोड़ रुपए पर पहुंच गई।
जायफल-जावित्री के निर्यात में भी मात्रा एवं आमदनी की दृष्टि से अच्छी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। अप्रैल-सितम्बर 2022 में इसकी निर्यात मात्रा 1796 टन एवं निर्यात आय 115.98 करोड़ रुपए दर्ज की गई थी जो अप्रैल-सितम्बर 2023 में बढ़कर क्रमश: 2121 टन तथा 124.51 करोड़ रुपए पर पहुंची।
वैश्विक बाजार में भारतीय मसालों की अच्छी मांग बरकरार है जिससे दूसरी छमाही का निर्यात प्रदर्शन भी बेहतर रहने के आसार हैं। मालूम हो कि भारत दुनिया में मसालों का सबसे प्रमुख उत्पादक खपतकर्ता एवं निर्यातक देश बना हुआ है।