iGrain India - कोच्चि । पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान देश से कालीमिर्च, छोटी एवं बड़ी इलायची, जीरा तथा सौंठ जैसे महत्वपूर्ण मसालों के निर्यात में कमी दर्ज की गई।
मसाला बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-सितम्बर 2023 के दौरान भारत से वर्ष 2022 की समान अवधि के मुकाबले कालीमिर्च का निर्यात 10,239 टन से घटकर 8047 टन पर अटक गया और इसकी निर्यात आमदनी भी 394.82 करोड़ रुपए से 332.22 करोड़ रुपए रह गई।
हालांकि 2022-23 सीजन के दौरान कालीमिर्च का घरेलू उत्पादन सामान्य रहा था लेकिन इसके दाम में काफी तेज देखी गई जिससे वैश्विक बाजार में यह काफी हद तक गैर प्रतिस्पर्धी हो गई। वियतनाम एवं इंडोनेशिया की कालीमिर्च सस्ती रही।
जहां तक जीरा का सवाल ही तो इसके उत्पादन में कमी आने से निर्यात योगय स्टॉक घट गया जबकि भाव उछलकर नए रिकॉर्ड स्तर पर पांच गया। इससे वैश्विक बाजार में मांग कुछ कमजोर पड़ गई।
मसाला बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-सितम्बर 2023 के दौरान देश से कुल 76,969 टन जीरा का निर्यात हुआ जिससे 2741.89 करोड़ रुपए की आमदनी हुई। इसके मुकाबले अप्रैल-सितम्बर 2022 में 1,09,628 टन जीरा के निर्यात से 2316.93 करोड़ रुपए की आमदनी हुई थी। इस तरह जीरे की निर्यात मात्रा में तो भारी गिरावट आ गई निर्यात आय में जोरदार बढ़ोत्तरी हो गई।
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सौंठ का निर्यात 11,077 टन तक ही पहुंच सका जबकि पिछले साल की समान अवधि में 24,809 टन पर पहुंच गया था। इसके फलस्वरूप इसकी निर्यात आय भी गत वर्ष के 220.50 करोड़ रुपए से घटकर इस वर्ष 157,89 करोड़ रुपए पर अटक गई।
इसी तरह समीक्षाधीन अवधि के दौरान मेथी का निर्यात 21,306 टन से घटकर 13,990 टन पर सिमट गया जबकि इससे प्राप्त होने वाली आमदनी 158.37 करोड़ रुपए से गिरकर 118.85 करोड़ रुपए रह गई।
छोटी इलायची का निर्यात 4342 टन से घटकर 2015 टन तथा बड़ी इलायची का निर्यात 810 टन से गिरकर 426 टन रह गया जिससे इसकी निर्यात आमदनी में भी भारी गिरावट दर्ज की गई।