iGrain India - ब्रिसबेन । ऑस्ट्रेलियाई सांख्यिकी ब्यूरो (एबीएस) के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि ऑस्ट्रेलिया से सितम्बर में 1,78,533 टन मसूर का निर्यात हुआ था जो अक्टूबर में 43 प्रतिशत घटकर 1,02,594 टन पर अटक गया। अक्टूबर में वहां मसूर के नए माल की छिटपुट आवक शुरू हुई जबकि पिछला बकाया स्टॉक काफी कम रह गया था।
नवम्बर से इसका निर्यात बेहतर होने की उम्मीद है। वैसे बेमौसमी बारिश के कारण कई क्षेत्रों में मसूर की फसल को नुकसान पहुंचने की आशंका है और फसल की कटाई-तैयारी में भी बाधा पड़ रही है।
अबारेस ने 2022-23 सीजन के मुकाबले 2023-24 के वर्तमान सीजन में मसूर के घरेलू उत्पादन में भारी गिरावट आने का अनुमान लगाया है। मालूम हो कि पिछले साल वहां मसूर का उत्पादन तेजी से उछलकर सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया था।
एबीएस के आंकड़ों के अनुसार अगस्त-अक्टूबर 2023 की तिमाही के दौरान ऑस्ट्रेलिया से कुल 4,18,332 टन मसूर का निर्यात हुआ। इसमें से अकेले भारत को 1,97,246 टन का शिपमेंट किया गया। भारत में ऑस्ट्रेलिया से अगस्त में 85,955 टन, सितम्बर में 48,968 टन तथा अक्टूबर में 62,323 टन मसूर का आयात किया गया।
इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया से अगस्त-अक्टूबर की तिमाही के दौरान बांग्ला देश को 53,364 टन, मिस्र को 30,191 टन, नेपाल को 20,213 टन, पाकिस्तान को 19,037 टन, श्रीलंका को 36,697 टन तथा संयुक्त अरब अमीरात को 59,664 टन मसूर का निर्यात हुआ।
इसके साथ-साथ बहरीन, जापान, मलेशिया, मारीशस, न्यूजीलैंड साउथ अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड एवं यमन सहित कुछ अन्य देशों को भी थोड़ी-बहुत मात्रा में मसूर का निर्यात किया गया।
सरकारी एजेंसी- अबारेस का कहना है कि विक्टोरिया एवं साउथ ऑस्ट्रेलिया प्रान्त में बड़े पैमाने पर बेमौसमी वर्षा होने से मसूर एवं चना की फसल को नुकसान हुआ है जिससे इसकी औसत उपज दर एवं क्वालिटी प्रभावित होने की आशंका है। एडिलेड बंदरगाह से इसका निर्यात हो रहा है जबकि अन्य बंदरगाहों से गेहूं एवं जौ का शिपमेंट जारी है।