iGrain India - ढाका । अमरीकी कृषि विभाग (उस्डा) ने कहा है कि बांग्ला देश ने 13 उत्पादक देशों तथा कपास के पांच अनुसन्धान केन्द्रों में बीटी कॉटन की दो किस्मों का डेमो ट्रायल आरंभ कर दिया है जो फिलहाल सीमित क्षेत्रफल में खेती के लिए है।
उस्डा की विदेश कृषि सेवा (फास) के ढाका स्थिति प्रतिनिधि कार्यालय (उस्डा पोस्ट) की एक रिपोर्ट के अनुसार बांग्ला देश के कॉटन डवलपमेंट बोर्ड (पीडीबी) से आवेदन प्राप्त होने के बाद राष्ट्रीय जैव सुरक्षा समिति ने 20 अगस्त 2023 को अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी और तत्पश्चात बीटी कॉटन की खेती आरंभ हो गई।
बोर्ड ने डेमो ट्रायल के लिए बीटी कॉटन की दो किस्मों- जेकेसीएच 1947 तथा जेकेसीएच - 1050 को जारी करने की सिफारिश की थी। यह डेमोंस्ट्रेशन ट्रायल 138 किसानों के प्लांट पर तथा कृषि अनुसन्धान के 30 प्लांट पर की जा रही है।
किसानों का प्रत्येक प्लांट 0.25 एकड़ तथा अनुसन्धान केन्द्र का प्रत्येक प्लांट 0.11 एकड़ क्षेत्रफल का है। इस तरह कुल मिलाकर 37.8 एकड़ भूमि में डेमो ट्रायल चल रहा है।
किसानों का कहना है कि बीटी कॉटन के बीज की बोआई करने में कुछ देर हो गई क्योंकि सही समय पर यह बीज उपलब्ध नहीं हो सकता। इसके अलावा बीज में अंकुरण होने के बाद भारी वर्षा हो गई जिससे कुछ क्षेत्रों में नवजात पौधे क्षतिग्रस्त हो गए और उसका विकास भी धीमी गति से हुआ।
लेकिन इसके बावजूद कपास की परम्परागत प्रजातियों एवं बीटी कॉटन के पौधों में फर्क साफ नजर आता है। किसानों को उम्मीद है कि बीटी कॉटन की खेती से लागत खर्च में कमी आएगी और खासकर कीटनाशी दवाओं पर होने वाला व्यय काफी घट जाएगा।
कृषि विशेषज्ञों का दावा है कि बीटी कॉटन की ये किस्में पिंक बॉलवर्म तथा फाल आर्मीवर्म जैसे कीट का प्रतिरोध कर सकती है।