iGrain India - नई दिल्ली । चालू सीजन के दौरान प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात एवं रजस्थान में जीरा की रिकॉर्ड बिजाई होने के कारण जीरा बाजार में मंदे का दौर शुरू हो गया। वायदा एवं हाजिर बाजारों में भाव लगातार घट रहे हैं। हालांकि नई फसल आने में लगभग 2/3 माह का समय शेष है लेकिन वायदा में गिरती कीमतों के कारण हाजिर बाजार भी मंदे बोले जा रहे हैं। हाजिर उत्पादक केन्द्रों पर जीरे का स्टॉक कम रह गया है। लेकिन आने वाली फसल गत वर्ष की तुलना में अधिक आने के अनुमानों के चलते लिवाल तुरंत की आवश्यकतापूर्ति के लिए ही लिवाली कर रहा है।
वायदा बाजार
चालू माह के दौरान जीरा बाजार में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई। उल्लेखनीय है कि चालू सप्ताह के शुरू में जीरा दिसम्बर का भाव 43640 रुपए खुला था जोकि सप्ताह के अंत में 36710 रुपए पर बंद हुआ है। जनवरी का जीरा सप्ताह के शुरू में 43705 रुपए खुलने के पश्चात सप्ताह के अंत में 36450 रुपए पर बंद हुआ।
हाजिर बाजार
वायदा के मंदे समाचारों एवं लोकल में कमजोर मांग के चलते चालू सप्ताह के दौरान हाजिर बाजारों में जीरा के भाव 35/40 रुपए प्रति किलो तक मंदे के साथ बोले गए। ऊंझा मंडी में जीरा का भाव सप्ताहांत में क्वालिटीनुसार 380/460 रुपए पर बोला गया। मंडियों में भी सचालु सप्ताह के दौरान जीरे की कीमतें 40/50 रुपए प्रति किलो तक घट गई हैं। कमजोर मांग के कारण खपत केन्द्रों पर भी जीरे के भाव चालू सप्ताह के दौरान 20/30 रुपए मंदे के साथ बोले गए।
बिजाई
चालू सीजन के दौरान जीरे की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी आने के कारण उत्पादक केन्द्रों पर जीरे का रिकॉर्ड बिजाई हो रही है। गुजरात कृषि द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 4 दिसम्बर तक राज्य में जीरा का बिजाई क्षेत्रफल 3.76 लाख हेक्टेयर का हो गया है। जबकि गत वर्ष इसी समयावधि में बिजाई 1.44 लाख हेक्टेयर पर की गई थी। मार्च 2023 में हुए मसाला सेमीनार में फेडरेशन ऑफ इंडिया स्पाईस स्टॉक होल्डर्स (फिस्स) द्वारा गुजरात में जीरे की कुल बिजाई का क्षेत्रफल 2.60 लाख हेक्टेयर का जारी किया गया था। राजस्थान कृषि विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राजस्थान में 5 दिसंबर तक जीरे की बिजाई 632 लाख हटकेयर पर की जा चुकी है। जबकि गत वर्ष कुल बिजाई 5.79 लाख हेक्टेयर पर की गई थी।
उत्पादन
बिजाई के पश्चात अगर मौसम फसल के अनुकूल रहता है तो इस वर्ष निश्चित ही जीरे की रिकॉर्ड पैदावार होगी। उल्लेखनीय है कि दूसरे वर्ष भी देश में जीरे का उत्पादन बढ़ने के अनुमान लगाये जा रहे हैं। वर्ष 2022 के दौरान जीरा का उत्पादन लगभग 54/55 लाख बोरी (प्रत्यके बोरी 55 किलो) का रहा था जोकि 2023 में बढ़कर 60/62 लाख बोरी का हो गया है। हालांकि वर्ष 2023 के पूर्व में फिस्स द्वारा जारी उत्पादन अनुमान 69/70 लाख बोरी का जारी किया था लेकिन बेमौसमी बारिश से राजस्थान में फसल को नुकसान होने के कारण बाद में उत्पादन अनुमान 60/62 लाख बोरी का लगाया गया था।
मंदा तेजी
जानकार सूत्रों का कहना है कि कीमतें काफी घट जाने के कारण अब जीरे की गिरती कीमतें रुकनी चाहिए। क्योंकि उत्पादक केन्द्रों पर बकाया स्टॉक कम रह गया है साथ ही नई फसल आने में अभी 2/3 माह का समय शेष है। अतः जीरे के भावों में अब अधिक मंदा-तेजी के चांस नहीं है भाव सीमित दायरे में बने रहेंगे।
निर्यात
चालू वित्त वर्ष के प्रथम तीज माह में जीरा निर्यात बढ़ने के पश्चात द्वितीय तीन माह में निर्यात घटा है। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-जून 2023 तक जीरा का निर्यात 55399.64 टन का हुआ था जबकि वर्ष 2022 (अप्रैल-जून) में निर्यात 4719.97 टन का रहा था। लेकिन जुलाई-सितंबर में निर्यात घटने के कारण कुल निर्यात घटा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अप्रैल-सितम्बर 2023 में कुल निर्यात 76969.88 टन का हुआ है। जबकि गत वर्ष इसी समयावधि में निरयत 109628.78 टन का किया गया था। वर्ष 2022-23 (अप्रैल-मार्च) में कुल निर्यात 186508 टन का रहा था।