iGrain India - नई दिल्ली । अमरीकी कृषि विभाग (उस्डा) की विदेश कृषि सेवा (फास) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यद्यपि भारत के लिए अल नीनो का खतरा अभी समाप्त नहीं हुआ है लेकिन वहां 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) में सोयाबीन का उत्पादन बढ़कर 128 लाख टन पर पहुंच सकता है जो पिछले अनुमान 119 लाख टन से 9 लाख टन अधिक है। फास ने 2022-23 के सीजन में भारत में 124 लाख टन सोयाबीन का उत्पादन आंका था।
विशेषज्ञों के अनुसार वर्ष 2024 में भारत पर अल नीनो मौसम चक्र का और भी गहरा असर पड़ सकता है जिससे तिलहन सहित अन्य फसलें प्रभावित हो सकती हैं। लेकिन इस पर अभी निश्चित रूप से कहना कठिन है क्योंकि अल नीनो की वजह से भारत में हमेशा मानसून कमजोर नहीं रहता है।
फास ने 2023-24 के दौरान भारत में सोयाबीन तेल का उत्पादन 17 लाख टन होने का अनुमान लगाया है क्योंकि क्रशिंग- प्रोसेसिंग के लिए मिलों को इसकी अच्छी मात्रा प्राप्त हो सकती है।
चूंकि भारत में पशु आहार निर्माण एवं खाद्य उद्देश्य में सोयाबीन की अच्छी मांग रहती है इसलिए देश से सोयाबीन तथा सोयातेल का बहुत कम निर्यात होता है लेकिन सोया डीओसी के शिपमेंट का आंकड़ा बड़ा होता है।
बेहतर घरेलू उत्पादन एवं ऊंचे बकाया स्टॉक के कारण भारत में खाद्य तेलों का आयात 2022-23 सीजन के 165 लाख टन से घटकर 2023-24 के सीजन में 150 लाख टन के आसपास सिमट सकता है।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान पाम तेल के आयात में 6.5 प्रतिशत, सूरजमुखी तेल में 6.9 प्रतिशत तथा सोयाबीन तेल के आयात में 15.4 प्रतिशत की गिरावट आने की संभावना व्यक्त की गई है।
फास ने सोयामील का उत्पादन 2022-23 के 82.80 लाख टन से घटकर 2023-24 के सीजन में 75.50 लाख टन रह जाने का अनुमान लगाया है। इससे पूर्व 2021-22 के सीजन में करीब 68 लाख टन सोयामील का घरेलू उत्पादन आंका गया था।
2023-24 सीजन के अंत में सोयाबीन का स्टॉक 14 लाख टन मौजूद रहने का अनुमान लगाया गया है जबकि इसकी कुल क्रशिंग 98 लाख टन होने की संभावना व्यक्त की गई है। मंडियों में सोयाबीन की अच्छी आपूर्ति हो रही है।