iGrain India - लखनऊ । चीनी उद्योग की शीर्ष संस्था- इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने सरकार से बी हैवी शीरा तथा सी हैवी शीरा से निर्मित एथनॉल का मूल्य बढ़ाने का आग्रह किया है ताकि एथनॉल निर्माण में गन्ना जूस एवं शुगर सीरप के इस्तेमाल पर लगाए गए प्रतिबंध के कारण चीनी मिलों को होने वाले नुकसान की क्षतिपूर्ति हो सके।
उल्लेखनीय है कि 7 दिसम्बर को सरकार ने एथनॉल उत्पादन के लिए गन्ना जूस एवं शुगर सीरप के उपयोग पर 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन के लिए प्रतिबंध लगा दिया था।
एथनॉल आपूर्ति का सीजन नवम्बर से अक्टूबर के दौरान तथा चीनी का मार्केटिंग सीजन अक्टूबर से सितम्बर के दौरान रहता है सरकार को चालू सीजन गन्ना एवं चीनी के उत्पादन में भारी गिरावट आने की आशंका है इसलिए उसने एथनॉल निर्माण में गन्ना जूस के उपयोग को प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया है।
वैसे बी एवं सी हैवी शीरा तथा खाद्यान्न से एथनॉल का उत्पादन जारी रखने की अनुमति दी है। मासिक स्तर पर पूरी स्थिति की समीक्षा की जाएगी। सरकार चीनी की उपलब्धता में कमी नहीं आने देना चाहती है।
आम उपभोक्ताओं की जरूरत में संतुलन बनाने के उद्देश्य से सरकार ने यह निर्णय लिया है। सरकार के इस इरादे की तस्दीक करते हुए इस्मा ने यह सुनिश्चित करने हेतु खास उपाय करने का प्रस्ताव रखा है कि एक तरफ चीनी का समुचित उत्पादन एवं प्रवाह जारी रहे और एथनॉल के उत्पादन में कोई विशेष बाधा न पड़े जबकि दूसरी ओर गन्ना किसानों को भी आवश्यक सहयोग-समर्थन एवं प्रोत्साहन मिलता रहे।
इस्मा का कहना है कि इस बार चीनी मिलों की क्रशिंग क्षमता में जबरदस्त गिरावट आ जाएगी। गन्ना की क्रशिंग के सीजन में देर होगी और चीनी मिलें तथा डिस्टीलरीज का घटा बढ़ जाएगा। इसके फलस्वरूप गन्ना किसानों का भुगतान भी अटक सकता है।
सरकार को बी एवं सी हैवी शीरा से निर्मित एथनॉल के लिए कीमतों में इस तरह बढ़ोत्तरी करने पर विचार करना चाहिए जिससे मिलों को होने वाले वित्तीय नुकसान की भरपाई सुनिश्चित हो सके। इससे चीनी मिलों के लिए नकदी का प्रवाह बढ़ सकता है।
ध्यान देने की बात है कि केन्द्र सरकार चालू मार्केटिंग सीजन के लिए बी हैवी शीरा से निर्मित एथनॉल का खरीद मूल्य 60.73 रुपए प्रति लीटर तथा सी हैवी शीरा से बंदे एथनॉल का मूल्य 49.41 रुपए प्रति लीटर निर्धारित कर चुकी है। बी हैवी शीरा में चीनी का अंश ज्यादा तथा तथा सी हैवी शीरा में कम होता है।