iGrain India - कलबुर्गी । कर्नाटक में चालू वर्ष के दौरान मौसम एवं मानसून की हालत अनुकूल नहीं होने से अन्य खरीफ फसलों के साथ अरहर (तुवर) की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है जिससे किसान आर्थिक संकट में फंस गए हैं।
इस संकट से उबारने के लिए किसानों को अंतरिम वित्तीय सहायता देने का निर्णय लिया गया है। कर्नाटक के सबसे प्रमुख तुवर उत्पादक जिले- कलबुर्गी (गुलबर्गा) में मध्यावधि फसल बीमा की राशि किसानों को दी जाएगी जिसकी सिफारिश जिला स्तरीय शिकायत निपटान समिति द्वारा की गई है।
फसल बीमा कम्पनी फिलहाल केवल तुवर फसल के यह राहत राशि प्रदान करेगी। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा 100 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है। पिछले दिन कलबुर्गी के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय शिकायत निपटान समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई जिसमें संयुक्त कृषि निदेशक तथा बागवानी विभाग के अधिकारी भी शामिल हुए।
उस बैठक में तुवर उत्पादकों को अंतिरम राहत कोष तत्काल उपलब्ध करवाने तथा अंतिम राशि का भुगतान बाद में करने का निर्णय लिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि वर्षा का अभाव होने के कारण किसान संकट में है और उनके लिए तत्काल मध्यावधि बीमा राशि जारी किए जाने की आवश्यकता है।
मीटिंग में किये गए निर्णय के अनुसार अपनी फसलों का बीमा करवाने वाले सभी तुवर उत्पादकों को आंतरिक राहत के तौर पर 6-7 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से राशि प्रदान की जाएगी और बाद में अंतिम राहत के तौर पर 6-7 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से राशि प्रदान की जाएगी और बाद में अंतिम राहत भी उपलब्ध कार्रवाई जाएगी।
संयुक्त कृषि निदेशक के अनुसार कलबुर्गी जिला में 1.23 लाख तुवर, उत्पादक किसानों को यह अंतरिम फसल राहत प्राप्त होगी। इसके साथ-साथ उड़द एवं मूंग के उत्पादकों को भी बीमा राशि का भुगतान किया जाएगा जिसके लिए सरकार द्वारा 29 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं।
इसमें से उड़द उत्पादकों के लिए 6 करोड़ रुपए तथा मूंग के उत्पादकों के लिए 18 करोड़ रुपए की राशि जारी हुई है। तुवर, उड़द एवं मूंग की फसल के लिए कुल मिलाकर 1.63 लाख किसानों ने बीमा करवा रहा है।
अनेक किसानों ने तीनों दलहन फसलों तथा 47 हजार किसानों ने उड़द एवं उड़द के लिए बीमा करवाया था। तुवर के लिए भुगतान की प्रक्रिया आरंभ हो गई है और 15 दिनों के अंदर सभी बीमित किसानों को राशि प्राप्त हो जाएगी।