iGrain India - नागपुर । महाराष्ट्र के विदर्भ संभाग में इस वर्ष मानसून एवं मौसम की हालत अनुकूल नहीं रहने से दोनों प्रमख खरीफ कालीन फसलों- कपास एवं सोयाबीन का उत्पादन प्रभावित हुआ जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई और अब इसके बाजार भाव में गिरावट आने से उसे मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है।
विरोधी दल विधानसभा में लगातार किसानों से सम्बन्धित मुद्दे उठा रहे लेकिन राज्य सरकार केवल वादा और आश्वासन से काम चल रही है। व्यापार विश्लेषकों के अनुसार आगामी दिनों के दौरान कपास के दाम में कुछ और गिरावट आने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
दरअसल हाल की बारिश से विदर्भ संभाग में कपास एवं सोयाबीन की क्वालिटी काफी हद तक प्रभावित हुई है। मंडियों में जो पाम आ रहा है वह वर्षा से क्षतिग्रस्त क्वालिटी काफी हद तक प्रभावित हुई है।
मंडियों में जो माल आ रहा है वह वर्षा से क्षतिग्रस्त क्वालिटी वाला है और इसलिए खरीदार इसकी लिवाली में कम दिलचस्पी दिखा रहे हैं अथवा किसानों को कम मूल्य का ऑफर दे रहे हैं।
सामान्य औसत क्वालिटी (एफएक्यू) वाला माल बहुत कम मात्रा में आ रहा है। चूंकि क्षतिग्रस्त फसल की क्वालिटी अच्छी नहीं है इसलिए सरकारी तौर पर भी इसकी खरीद में समस्या आ रही है। भारतीय कपास निगम (सीसीआई) द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर इस रूई की खरीद से इंकार किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने 2023-24 के मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के लिए कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य लम्बे रेशेवाली किस्म के लिए 7020 रुपए प्रति क्विंटल तथा मीडियम रेशेवाली श्रेणी के लिए 6620 रुपए प्रति क्विंटल निर्यात कर रखा है।
पिछले सप्ताह विदर्भ संभाग की मंडियों में नमी के ऊंचे अंश वाली कपास का भाव इस समर्थन मूल्य से नीचे चल रहा था। रूई में नमी का उच्चतम स्वीकृत स्तर 8 प्रतिशत है। व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक सर्वोत्तम श्रेणी की रूई का दाम भी या तो समर्थन मूल्य के आसपास या उससे 2030 रुपए प्रति क्विंटल ऊंचा चल रहा है। अच्छी क्वालिटी और लम्बे रेशेवाली वाली रूई का भाव 7000-7050 रुपए प्रति क्विंटल के बीच बताया जा रहा है।
सोयाबीन की हालत भी इससे भिन्न नहीं है। इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य 4600 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित हुआ है जबकि मंडियों में आने वाला अधिकांश माल हल्की क्वालिटी का देखा जा रहा है जिसमें ज्यादा नमी मौजूद है।
सर्वोत्तम क्वालिटी के सोयाबीन का भाव तो 4800 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है मगर हल्की क्वालिटी के माल का दाम इससे काफी नीचे है। वाणी सोयाबीन का भाव 5500 रुपए प्रति क्विंटल के उच्च स्तर पर बरकरार है मगर किसानों के पास इसका नगण्य स्टॉक बचा हुआ है। इससे किसानों को लाभ कमाने से वंचित होना पड़ रहा है।