iGrain India - नई दिल्ली । चालू रबी सीजन में चना की बिजाई गत वर्ष से काफी पीछे चल रही है और इस गिरावट की भरपाई होने से संदेह है क्योंकि सरकार ने पीली मटर का आयात पूरी तरह खोल दिया है जिससे चना के दाम पर भी असर पड़ सकता है और किसान इसकी खेती से कुछ हद तक हतोत्साहित हो सकते हैं। मटर की बिजाई ज्यादा प्रभावित नहीं होगी।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी सीजन में 8 दिसम्बर 2023 तक राष्ट्रीय स्तर पर चना का कुल उत्पादन क्षेत्र 81.87 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 90.91 लाख हेक्टेयर से 9.04 लाख हेक्टेयर कम है।
चना का क्षेत्रफल समीक्षाधीन अवधि के दौरान राजस्थान में 20.75 लाख हेक्टेयर से घटकर 17.80 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 20.10 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 16.35 लाख हेक्टेयर तथा कर्नाटक में 11.50 लाख हेक्टेयर से गिरकर 9.05 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया लेकिन मध्य प्रदेश में 19.95 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 21.50 लाख हेक्टेयर तथा उत्तर प्रदेश में 5.95 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 6.70 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा।
प्रमुख उत्पादक प्रांतों में मौसम की हालत अभी फसल के लिए काफी हद तक अनुकूल है मगर जनवरी से मार्च 2024 के दौरान यदि अल नीनो मौसम चक्र का प्रकोप रहा तो फसल को नुकसान हो सकता है।
उससे पहले यह देखना आवश्यक होगा कि इसका क्षेत्रफल किस स्तर पर पहुंचता है। यदि इसमें ज्यादा गिरावट आई तो कुल उत्पादन 2022-23 सीजन से भी काफी पीछे रह सकता है जबकि मौसम खराब रहने पर पैदावार आ सकती है। ऐसी हालत में यदि मटर की अधिकता से चना का दाम प्रभावित हुआ तो किसानों को भारी नुकसान हो सकता है। सरकारी एजेंसी- नैफेड के पास अब भी चना का विशाल स्टॉक मौजूद है।