iGrain India - मुम्बई । देश के दूसरे नम्बर के सोयाबीन उत्पादक प्रान्त- महाराष्ट्र में इस वर्ष फसल को विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ा है जिससे इसकी उपज दर, पैदावार तथा क्वालिटी प्रभावित हुई है।
दूसरी ओर सोयाबीन का बाजार भाव भी घटकर काफी नीचे आ गया है। इससे किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। महाराष्ट्र में अगस्त माह के भयंकर सूखे से सोयाबीन की फसल को पहले ही काफी नुकसान हो गया था।
इसके बाद भी मौसम एवं वर्षा की स्थिति काफी हद तक अनिश्चित बनी रही जबकि पिछले महीने के अंतिम दिनों में हुई मूसलाधार वर्षा ने सोयाबीन की पकी हुई फसल को क्षतिग्रस्त कर दिया। इससे सोयाबीन की क्वालिटी कई क्षेत्रों में खराब हो गयी।
स्वाभाविक रूप से इसकी खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं हो सकेगी। मालूम हो कि केन्द्र सरकार ने 2023-24 के मार्केटिंग सीजन हेतु सोयाबीन का न्यूतनम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 4600 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है जबकि थोक मंडी भाव भी इसके आसपास ही चल रहा है।
महाराष्ट्र के विदर्भ संभाग में सोयाबीन की खेती बड़े पैमाने पर होती है और वहां नई फसल की कटाई-तैयारी जारी है। खेतों में खड़ी फसल को बेमौसमी वर्षा से नुकसान हुआ है लेकिन सरकार की ओर से किसानों को सहायता देने के लिए कोई खास पहल नहीं की जा रही है।
उद्योग-व्यापार समीक्षकों के अनुसार मंडियों में सोयाबीन की जो आवक हो रही है उसमें हल्की क्वालिटी के माल की मात्रा ज्यादा है। सर्वोत्तम क्वालिटी के सोयाबीन का दाम घटकर 4800 रुपए प्रति क्विंटल के करीब रह गया है जबकि हल्की क्वालिटी के माल का भाव समर्थन मूल्य से नीचे चल रहा है। कुछ उत्पादकों को उम्मीद है कि उसे 4600/4700 रुपए प्रति क्विंटल की दर से सोयाबीन बेचने में सफलता मिल सकती है।